ट्रैक्टर रैली के नाम पर हुई हिंसा पर पुलिस कानून के तहत एक्शन ले - दिल्ली हाई कोर्ट
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिसा के मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वह कानून के तहत कार्रवाई करे। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिह की पीठ ने उक्त निर्देश उपद्रव के आरोप में गिरफ्तार लोगों को रिहा करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिया। एक विधि छात्र हरमन प्रीत ने याचिका दायर कर कहा था कि पुलिस द्वारा गाजीपुर, सिघु और टीकरी बार्डर से गिरफ्तार किए गए आरोपितों के बारे में उनके स्वजन को सूचित नहीं किया गया है। हरमन की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता अशिमा मंडला ने पीठ को बताया कि मामले में अब तक 44 एफआइआर दर्ज की गई हैं और 120 लोगों को हिरासत में लिया गया। उन्होंने आरोप लगाया गया है कि कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बगैर ही लोगों को हिरासत में लिया गया है और अब तक कोई प्राथमिकी भी नहीं दर्ज की गई है। इतना ही नहीं, गिरफ्तार लोगों को 24 घंटे के भीतर संबंधित अदालत में पेश भी नहीं किया गया। याचिका में 15 लोगों का नाम भी दिया है जो 26 जनवरी या घटना के बाद से लापता हैं। उन्होंने कहा है कि बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के किसी को 24 घंटे से ज्यादा समय हिरासत में रखा जाना भी गैर कानूनी है। इसलिए उन लोगों को रिहा करने का आदेश दिया जाए।
बता दें कि 26 जनवरी को कृषि कानूनों के विरोध में हजारों लोगों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली और इस दौरान दिल्ली में घुसे हजारों उपद्रवियों ने हिसक प्रदर्शन किया। इसमें करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हुए। वहीं, लाल किले में सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया है।