सरहदों पर लड़ते जवान के लिए मैं लिखूंगा, अपने हिंदुस्तान के लिए मैं लिखूंगा - रुपेश राठौड़
अभा साहित्य परिषद का एक शाम देश के नाम कवि सम्मेलन सम्पन्न
मनावर (पवन प्रजापत) - अखिल भारतीय साहित्य परिषद का एक शाम देश के नाम कवि सम्मेलन स्थानीय प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में सम्पन्न हुआ । कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि परिषद के मालवा प्रांत अध्यक्ष त्रिपुरारि लाल शर्मा, विशेष अतिथि ब्रह्मकुमारी सुन्दरी दीदी,अलका पंडित दीदी बड़वानी और अध्यक्षता कर रहे परिषद के जिला अध्यक्ष शरद जोशी 'शलभ' ने सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर की ।
अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि शर्मा ने कहा कि साहित्य में कई विधायें है जिन पर काम किया जा सकता है और नव साहित्यकारों को आकृष्ट किया जा सकता है । विशेष अतिथि सुन्दरी दीदी ने लौकिक जीवन से परमार्थ की ओर बढ़ने की प्रेरणा दी । अलका दीदी ने मानव जीवन की श्रेष्ठता बताते हुए कहा कि इस जीवन में परमपिता परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं । स्वागत भाषण और अभा साहित्य परिषद पर प्रकाश डालते हुए परिषद के महामंत्री विश्वदीप मिश्र ने बताया कि प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के साथ उन्हें तराशने और निखारने का कार्य भी परिषद द्वारा किया जाता है
काव्य पाठ का आरंभ दीपिका व्यास ने सरस्वती वंदना के साथ किया । वीर रस के कवि वीरेन्द्र दसौंधी वीर खरगोन ने तीन रंगों वाला तिरंगा सबसे प्यारा है, जिसके लिए वीरों ने अपना जीवन वारा है सुनाकर सबमें जोश भर दिया । महू के कवि विनोद गुर्जर ने वातावरण में प्रेम रस घोलते हुए कहा कि तू मेरी पतंग मैं डोर तेरी,तू मेरी किरण मैं भोर तेरी । गीतकार कान्ताप्रसाद कमल खरगोन ने अपने मधुर गीतों से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया अपने गीतों में उन्होंने राम के प्रेम को इंगित करते हुए कहा कि चाहे वन या महल निभाना है,प्रेम है राम के जैसा वचन निभाना प्रेम है । मनावर के उभरते गजलकार दीपक पटवा 'दिव्य' ने अपनी गजल में कहा कि मुझे झरनों की माफिक यूं न गिरना सिखाओं तुम,मेरी तकदीर में है उड़ना मुझे उड़ना सिखाओं तुम । ओजकवि रुपेश राठौड़ धार ने महफ़िल की भरपूर दाद बटोरते हुए अपने ओज गीत में हिन्दुस्तान का बखान करते हुए कहा कि सरहदों पर लड़ते जवान के लिए मैं लिखूंगा अपने हिन्दुस्तान के लिए मैं लिखूंगा। हास्य कवि हितेंद्र सिंह चौहान बंटी बम मनावर ने अपनी हास्य टिप्पणियों से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया । शरद जोशी शलभ धार ने अपने वतन पर जान की बाजी लगाने वाले वीरों के सम्मान में काव्यपाठ करते हुए कहा कि प्राणों से भी प्यारी हमको धरती हिन्दुस्तान की है इसके लिए बाजी हम जान की लगाएंगे । मंच संचालक राम शर्मा परिंदा और कार्यक्रम संचालन मुकेश मेहता थे । अतिथियों का स्मृति चिन्ह् भेंट कर स्वागत बीआरसीसी अजय मुवेल,प्रकाश वर्मा, कैलाश बुंदेला, कालू सिंह बुंदेला, कैलाश बर्मन,राजा पाठक, ज्योति मेहता, माधुरी पाटीदार, डॉ कविता शर्मा, गोविंद सेन,मंगलेश सोनी,ब्र.कु.गणपत भाई, ब्र.कु.लालुभाई , पवन प्रजापत ,K.L.वर्मा,पंकज प्रखर, सुखदेव राठौर, डॉ जगदीश चौहान, संदीप जाजमे , रविन्द्र पाटीदार, आदि ने किया ।