संत सिंगाजी पावर परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा मे आज मच सकता है हंगामा | Sant singaji power pariyojna ko lekar MP vidhansabha main aaj mach sakta hai hungama

संत सिंगाजी पावर परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा मे आज मच सकता है हंगामा

हजारो करोड़ की नव निर्मित परियोजना मै जारी गड़बड़ी को लेकर राऊ विधायक जितू पटवारी ने सदन में उठाये है प्रश्न ॥ अब तक किये गए  घोटालों के रहस्यों से उठ सकता है पर्दा

जवाब बनाकर परियोजना के चतुर अधिकारी भोपाल रवाना

एच पी टरबाइन टूटने की विश्व की पहली घटना सिंगाजी में घटित हुई, बनाया विश्व रिकार्ड

मंजीत सिंह के एम डी बनने के बाद  थर्मल सहित हाइडल परियोजनाओ की हालत खस्ता

संत सिंगाजी पावर परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा मे आज मच सकता है हंगामा

बीड/खण्डवा (सतीश गम्बरे) -  शुक्रवार 26/02/2021 को मध्य प्रदेश विधान सभा  ऊर्जा के सबंध में पूर्व मंत्री व  कांगेस के राऊ विधायक जितू पटवारी द्वारा सदन में लगाये गए  तारांकित प्रश्न क्रमांक 1308 का जवाब आज ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को देना है प्रश्न मै खण्डवा जिले की सिंगाजी पावर परियोजना के द्वितीय चरण मै 7 हजार 7 सौ 38 करोड़ की लागत से एल एंड टी पावर कंपनी द्वारा निर्माण की गई इकाई क्रमांक तीन एवं चार के पी जी टेस्ट के दौरान टरबाइन टूटने पर उसकी जवाबदेही .जवाबदारो पर कार्यवाही .परियोजना का पी एल एफ सहित पी जी टेस्ट .उत्पादन हानि .उत्पादन हानि की भरपाई कहा से होगी .कोयले की खपत .सहित कई बिन्दुओ की जानकारी देंगे जिसका परियोजना से जवाब बनाकर ए .के .शर्मा सहित सभी चतुर अधिकारियो की टीम ऊर्जा मंत्री के पास भोपाल पहले ही पहुच चुकी है सूत्रो के अनुसार ये अधिकारी गोल मोल जवाब बनाने मै माहिर हे।

संत सिंगाजी पावर परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा मे आज मच सकता है हंगामा

विदित होकी ताप विद्युत के इतिहास मै कभी भी एच पी टरबाइन नही टूटी चाहे परियोजना सालो पुरानी क्यो ना हो यहा हजारो करोड़ की नव निर्मित जापानी टेक्नीक पर आधारित  इकाइयों की टरबाइन टूट गई क्योकि सारा काम  गुणवत्ताहीन एवं घटिया मटेरियल से किया गया है और ये सारा कार्य तात्कालीन डायरेक्टर कमर्शियल मंजीत सिंह की देख रेख  मै हुआ है जो वर्तमान मै जेनको के एम डी बनकर बैठे है इसी कारण आज तक किसी भी अधिकारी पर कार्यवाही नही हो सकी एवं अभी तक किसी भी इकाई का पी जी टेस्ट नही हो सका है कोयला कई गुना अधिक खपत हो रहा है जिस कारण प्रति यूनिट बिजली उत्पादन खर्च कम नही हो पा रहा है।

गौरतलब हे की प्रथम चरण 1200 मेगावाट के निर्माण के समय भी स्टोर साइट इंस्पेक्शन नोट नही बनाए गए जिस कारण परियोजना मै घटिया मटेरियल लगा दिया गया  सभी इकाइयां निश्चित माप दंड से अधिक कोयला खाती है और परियोजना को बदनाम किया जाता हैकि कोयला ट्रांसपोर्ट बहुत महंगा है जबकि हकीकत ये हैकि जबसे मंजीत सिंह कंपनी के एम डी बने है हाइडल एवं थर्मल इकाइयों की हालत बिल्कुल खस्ताहाल हो गई  है ऊर्जा मंत्री सहित ऊर्जा सचिव को भी यह समझना होगा।

राऊ विधायक द्वारा परियोजना को लेकर लगाये गए प्रश्नो के जवाब बनाकर परियोजना से अधिकारियो की टीम भोपाल पहुच चुकी है।

आर पी पांडे 

पी आर ओ 

सिंगाजी पावर परियोजना

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