पर्यटन विभाग की होमस्टे योजना को बनाया जाये आजीविका का साधन | Paryatan vibhag ki homestay yojna ko banaya jsye ajivika ka sadhan

पर्यटन विभाग की होमस्टे योजना को बनाया जाये आजीविका का साधन

बुरहानपुर में होमस्टे संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु मध्य प्रदेश टूरिज्म द्वारा कार्यशाला आयोजित

पर्यटन विभाग की होमस्टे योजना को बनाया जाये आजीविका का साधन

बुरहानपुर (अमर दिवाने) - पर्यटन विभाग मध्य प्रदेश शासन मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड भोपाल द्वारा मध्य प्रदेश में होमस्टे संस्कृति के प्रचार-प्रसार पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति, परिवेश का अनुभव प्रदान करवाने स्थानीय स्तर पर रोजगार के नवीन अवसर को सृजित करने के उद्देश्य से होमस्टे संबंधित योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। बुरहानपुर में होमस्टे योजनाओं की जानकारी एवं नवीन पंजीयन हेतु आज 4 फरवरी को होटल ताप्ती रिट्रीट में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड भोपाल, मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम इंदौर, जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद बुरहानपुर के सहयोग से किया गया। 

कार्यशाला में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैलाश वानखेडे़ ने होमस्टे संस्कृति के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं स्थानीय स्तर पर होमस्टे को आजीविका का साधन बनाने हेतु सभी विभागों के समन्वय से कार्य करने का आव्हान किया।  

कार्यशाला में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैलाश वानखेडे़, नगर निगम आयुक्त भगवानदास भूमरकर, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती हेमलता सोलंकी, डॉ.मनोज कुमार सिंह संचालक (कौशल संवर्धन), मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड भोपाल श्रीमती स्वाति प्रमर, प्रशांत छिरोल्या सलाहकार मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। 

कार्यशाला में 40 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जिसमें नवीन पंजीयन हेतु इच्छुक निजी संपत्तिधारक, टूर एण्ड ट्रेवल्स एसोसिएशन प्रतिनिधि, राजस्व, उद्यानीकि, वन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद् के सदस्यगण, स्थानीय गाइड, बुनकर कारीगर एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण आदि ने सहभगिता की।

कार्यशाल उपरांत लगभग 10 इच्छुक हितग्राहियों द्वारा मौके पर ही आवेदन पत्रों को भरकर पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण की गई। कार्यशाला में चन्द्रदीप मण्डलोई परियोजना सहायक मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड भोपाल ने उपस्थित प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया तथा कार्यशाला का संचालन कमरूद्दीन फलक द्वारा किया गया।

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