मध्यस्थता केन्द्र का हुआ शुभारंभ | Madhyastha kendr ka hua shubharambh
मध्यस्थता केन्द्र का हुआ शुभारंभ
बुरहानपुर (अमर दिवाने) - म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष वीरेन्द्र एस. पाटीदार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में पासी समाज का सामुदायिक मध्यस्थता केन्द्र डॉ.अम्बेडकर वार्ड, पासी मोहल्ला में केन्द्र का शुभारंभ अपर जिला न्यायाधीश व सचिव म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नरेन्द्र पटेल एवं जबलपुर से मध्यस्थता प्रशिक्षण प्राप्त कर अमरेश बोरासी के साथ पासी समाज के अध्यक्ष विक्की पासी, सचिव शिवकुमार पासी के करकमलों द्वारा सम्पन्न किया गया।
उक्त कार्यक्रम में मध्यस्थता जागरूकता के संबंध में नरेन्द्र पटेल सचिव/ए.डी.जे. द्वारा बताया गया कि मध्यस्थता एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से विवादों का निपटारा आपसी सुलहवार्ता से किया जा सकता है। मध्यस्थता करवाने वाला व्यक्ति निष्पक्ष होता है साथ ही मध्यस्थता एक त्वरित, सरल, निष्पक्ष, सुलभ प्रक्रिया है जिससे हमारा न्यायालय में लगने वाला समय, मानसिक तनाव एवं धन बचता है। उन्होंने बताया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित मीडिएशन प्रशिक्षण कार्यक्रम में अमरेश बोरासी द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया। समाज के लोगों से आग्रह किया कि आपके आपसी विवादों के लिए प्रशिक्षित मध्यस्थ के समक्ष मामले रखे और उनके माध्यम से विवाद के निराकरण का प्रयास करें। श्री पटेल द्वारा निःशुल्क विधिक सहातया के बारे में बताते हुए एवं विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही मौलिक अधिकारों और मौलिक कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी। वाहन चलाने के लिए लाईसेंस, बीमा बनाना चाहिए एवं बालक/बालिकाओं को 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर ही वाहन चलाना चाहिए। समाज के सभी वर्ग को शिक्षित होना चाहिए और सभी लोगों अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहिए।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा मध्यस्थता प्रशिक्षण प्राप्त कर अमरेश बोरासी को अपर जिला न्यायाधीश/सचिव नरेन्द्र पटेल द्वारा मध्यस्थता प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। उक्त कार्यक्रम में श्री बोरासी द्वारा समाज के लोगों को जागरूक करने के लिए शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि विवादों को शुरूवाती दौर में ही मध्यस्थता द्वारा निपटाया जा सकता है। सबसे पहले विवादों की शुरूवात जो होती है मतभेद होता है, फिर असहमति होती है और मनमुटाव का रूप लेकर हिंसा होती है, इसलिए मतभेद पर ही इसका समाधान कर लेना चाहिए। जिससे दोनों पक्षों के संबंध मधुर बने रहे और समस्या का समाधान ही आसानी से हो जाये।
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