अट्ठारह पुराणों में महा पुराण है श्रीमद भागवत | Athrah purano main maha puran hai shrimad bhagwat

अट्ठारह पुराणों में महा पुराण है श्रीमद भागवत

अट्ठारह पुराणों में महा पुराण है श्रीमद भागवत

राजोद (रामलाल सागित्रा) - अट्ठारह पुराणों मै श्रीमद भागवत महापुराण को श्रेष्ठ बताया गया है , आत्मा अजर हे अमर है यह सिर्फ शरीर रूपी चोला बदलती है ! उक्त वचन नगर के श्री राम धाकड़ धर्मशाला उगमनवास मे चल रही श्रीमद भागवत कथा के छःठे दिवस कथा व्यास पं. श्री किशोरीलाल जी उपाध्याय सत्संग आश्रम भेरूजी राजोद के मुखारबिन्द से कहे। इस अवसर पर व्यास पीठ से कंस वध व रूखमणी मंगल कथा का प्रसंग सुनाया गया तथा रुकमणी व श्री कृष्ण जी का विवाह किया गया जिसमें बालिकाओं द्वारा श्रृंगार किया गया था! कथा का आयोजन राधेश्याम मदारिया द्वारा अपने माता पिता की स्मृति मे करवाया जा रहा है।

अट्ठारह पुराणों में महा पुराण है श्रीमद भागवत


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