अजमेर उर्स के मौके पर पहुँची 'एआइजे' की चादर | Ajmer urs ke moke pr pahuchi AIJ ki chadar
अजमेर उर्स के मौके पर पहुँची 'एआइजे' की चादर
संगठन के मीडिया प्रभारी के नेतृत्व में हुई रस्म अदा
मनावर (पवन प्रजापत) - राजस्थान के अजमेर में इन दिनों सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का सालाना उर्स चल रहा है। देश-विदेश के जायरीन जियारत करने अजमेर दरगाह पर आते हैं। बाजारों की रौनक और मेले की धूम दिखाई दे रही है। पिछले 1 हफ्ते से ख्वाजा साहब के दरबार मे चादर पेशगी का सिलसिला लगातार चल रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर विपक्षी पार्टी सोनिया गांधी तक एव फिल्म अभिनेता अली खान हो क्या क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर सभी की चादर दरगाह में पेश होने के लिए उर्स के अवसर पर भेजी जा रही है जो उनके प्रतिनिधि द्वारा लाई जा रही है। वही ख्वाजा साहब की छठी के मौके पर भारतीय पत्रकार संघ एआइजे के राष्ट्रीय कार्यालय से मीडिया प्रभारी शाहनवाज शेख द्वारा अजमेर रवाना की, जिसे शुक्रवार को ख्वाजा साहब के वरिष्ठ ख़ादिम सैयद शकील अहमद चिश्ती के नेतृत्व में एआइजे अजमेर संभाग अध्यक्ष युवा इकाई गौरव यादव, ख़ादिम सैयद इकबाल एहमद चिश्ती, श्री प्रकाश, अशफ़ाक़ मौलवी तथा अन्य ख़ादिमों की मौजूदगी में पेश की।
उर्स के मौके पर हजारों लोगों ने मन्नत के धागे बांधे एवं दरगाह पर अकीदत के फूल पेश किए। बड़ी संख्या में लोग छोटे कुल की फातेहा में उपस्थित हुए, बड़े पीर साहब की पहाड़ी पर तोपों की सलामी दी गई। अकीदतमंदों ने आस्ताने को केवड़े व गुलाब जल से धोया। महफिल खाने में गुरुवार को आखरी महफ़िल दीवान आबेदीन की सदारत में हुई, वही 1:30 दोपहर को जुमे की नमाज अदा की गई। इसी के साथ-साथ नियाज एवं फातेहा दरूद किया गया, जिसमें देश मे शांति सौहार्द, अमन चैन बने रहने तथा आपदाओं से छुटकारा मिलने जैसी दुआ (प्रार्थना) की गई। तारागढ़ पहाड़ी से लेकर अजमेर दरगाह को रंग बिरंगी लाइटों से चकाचौंध किया गया, जैसे मानो धार्मिक नगरी अजमेर को दूल्हे की तरह सजा दिया गया हो। कई प्रांतों से लोग ट्रेन, बस, प्लेन एवं निजी वाहनों के अलावा पैदल भी यात्रा कर रहे थे जोकि उर्स के मौके पर अजमेर पहुंचे।
भारी पुलिस बल तैनात
अजमेर दरगाह परिसर व शहर में उर्स के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए लगभग 4000 से अधिक पुलिसकर्मियों एवं अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई। जिनकी कड़ी निगरानी ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं को संभाला। दरगाह कमेटी के कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों द्वारा भी उर्स के मौके पर जायरीनों को हर प्रकार की सुख सुविधा दी गयी एवं मेहमान नवाजी की गई।
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