पूर्व ऊर्जा मंत्री सहित विधायक जीतू पटवारी ने भोपाल मे पत्रकारो से कहा की 16 सालो मे केवल एक ही प्लांट लगा सके शिवराज | Purv urja mantri sahit vidhayak jitu patwari ne bhopal main patrakaro se kaha

पूर्व ऊर्जा मंत्री सहित विधायक जीतू पटवारी ने भोपाल मे पत्रकारो से कहा की 16 सालो मे केवल एक ही प्लांट लगा सके शिवराज 

मेगा पावर नही महंगा पावर परियोजना बिजली खरीदी सहित गंभीर सवाल खड़े कीये 

निश्चित पैमाने से कही ज्यादा कोयला खाती है इकाइयां 

पूर्व ऊर्जा मंत्री सहित विधायक जीतू पटवारी ने भोपाल मे पत्रकारो से कहा की 16 सालो मे केवल एक ही प्लांट लगा सके शिवराज

बीड/खण्डवा (सतीश गम्बरे) - संत सिंगाजी पावर परियोजना को लेकर विधायक जीतू पटवारी एवं प्रियव्रत सिंह द्वारा विधान सभा मे उठाये गए सवाल का जवाब शुक्रवार को सदन से मिलने के बाद उन्होने बताया की पिछले 16 सालो मे शिवराज सरकार सिर्फ यही एक परियोजना बना सकी उसमे भी हजारो करोड़ का घोटाला किया गया मेगा नही महंगा पावर साबित हो रही है परियोजना नव निर्मित इकाइयों को षड्यंत्र पूर्वक बंद रखा गया वही इतना भ्रष्टाचार किया गया की इकाइयां कई गुना कोयला खाती है 40 साल पुराने प्लांटों मे 4 रुपये से भी कम मे बिजली बन रही है वही नव निर्मित सिंगाजी प्लांट मे 9 रुपये 38 पैसे मे बिजली तैयार की जाती है जबकि प्रधानमंत्री ने इसे कम कोयले मे अधिक उत्पादन करने वाली परियोजना के रूप मे प्रचारित किया था सिंगाजी पावर परियोजना मे हुए हजारो करोड़ के घोटालो की जांच विधायको की कमेटी मे स्पेशलिस्ट इंजीनियरों  को लेकर कराने की बात कही॥ 

विदित होकी परियोजना की इकाई क्रमांक तीन से व्यवसायीक उत्पादन 18 नवंबर 2018 से शुरू हुआ जबकि इकाई का पी जी टेस्ट अक्टूबर 2018 को किया जाना प्रस्तावित था इकाई की सी ओ डी होने के बाद 5 अगस्त 2020 को तीन नंबर इकाई की टरबाइन टूट गई मात्र 625 दिनो मे आधे लोड पर इकाई 15 हजार  घंटे ही चल सकी हो टूट गई ॥ 

यह भी एक ऐतिहासिक सत्य है कि इतने लंबे समय के लिए विश्व में कोई भी नव निर्मित इकाई ब्रेक डाउन में गई हो और दोषी कोई भी नहीं हो ऐसा भी पहली बार यही पर हुआ है क्योकि जो दोषी है वही लोग मुख्य पदो पर आसीन है । परियोजना सुपर टेक्नीक से लेस है सब कुछ कम्पूटर मे दिखता  है और रिकार्ड भी होता है  शुरुवाती दौर मे ही कोई भी  टेक्नीकल खराबी  हो कंप्यूटर में स्पष्ट दिखाई देती है,आलार्मिंग सिस्टम भी लगा है लेकिन  लापरवाही के कारण शुरुआती खराबी व आलार्मिंग को देखा/सुना नहीं गया या मुख्यालय  जबलपुर जानकारी देने के बाद भी आपसी हित साधने के लिए इस और ध्यान ना देकर बड़ी घटना को अंजाम दिया गया इसकी जांच की मांग की गई ॥ ॥

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