पेट्रोल 100 रुपये के पार पहुंचने पर राहुल का मोदी सरकार पर वार | Petrol 100 rupye ke paar pahuchne pr rahul ka modi sarkar pr war

पेट्रोल 100 रुपये के पार पहुंचने पर राहुल का मोदी सरकार पर वार

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, "पेट्रोल पम्प पर गाड़ी में तेल डालते समय जब आपकी नज़र तेज़ी से बढ़ते मीटर पर पड़े, तब ये ज़रूर याद रखिएगा कि कच्चे तेल का दाम बढ़ा नहीं, बल्कि कम हुआ है.

पेट्रोल 100 रुपये के पार पहुंचने पर राहुल का मोदी सरकार पर वार
फ़ाइल फ़ोटो

नई दिल्ली (ब्यूरो रिपोर्ट) - देश में पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है. कुछ जगहों पर पेट्रोल और डीजल के दाम 100 रुपये लीटर के पार भी पहुंच गए हैं. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने भी ईंधन के दामों में वृद्धि को लेकर केंद्र को सोमवार को घेरा. राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आम लोगों की जेब खाली करके 'मित्रों' की झोली भरने का आरोप लगाया है.

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, "पेट्रोल पम्प पर गाड़ी में तेल डालते समय जब आपकी नज़र तेज़ी से बढ़ते मीटर पर पड़े, तब ये ज़रूर याद रखिएगा कि कच्चे तेल का दाम बढ़ा नहीं, बल्कि कम हुआ है. पेट्रोल 100 रुपये/लीटर है. आपकी जेब ख़ाली करके ‘मित्रों' को देने का महान काम मोदी सरकार मुफ़्त में कर रही है!"

पेट्रोल 100 रुपये के पार पहुंचने पर राहुल का मोदी सरकार पर वार

तेल की बढ़ती कीमतों के बीच रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी. पत्र में उन्होंने लिखा, 'प्रधानमंत्री जी, मैं यह पत्र आपको आसमान छूती तेल व रसोई गैस की कीमतों से हर नागरिक के लिए उत्पन्न गहन पीड़ा एवं संकट से अवगत कराने के लिए लिख रही हूं. एक तरफ, भारत में रोजगार खत्म हो रहा है, कर्मचारियों का वेतन घटाया जा रहा है और घरेलू आय निरंतर कम हो रही है. वहीं दूसरी तरफ, मध्यम वर्ग एवं समाज के आखिरी हाशिए पर रहने वाले लोग रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.'

कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र में कहा कि तेजी से बढ़ती महंगाई और घरेलू सामान एवं हर आवश्यक वस्तु की कीमत में अप्रत्याशित बढ़ोतरी ने चुनौतियों को और अधिक गंभीर बना दिया है. दुख इस बात का है कि संकट के इस समय में भी भारत सरकार लोगों के कष्ट व पीड़ा दूर करने की बजाय उनकी तकलीफ बढ़ाकर मुनाफाखोरी कर रही है. ईंधन के दाम इस समय ऐतिहासिक रूप से अधिकतम ऊंचाई पर हैं, जो पूरी तरह अव्यवहारिक है."

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