जिले में मृत पक्षियों के संबंध में एडवाइजरी जारी, जांच हेतु सैम्पल भेजे गए
बुरहानपुर (अमर दिवाने) - पक्षियों में संक्रमण फैलने की आशंका होने से नदी, तालाब, कुएँ, बावड़ी, नहर या अन्य जल स्त्रोत के आसपास पक्षी की मृत्यु होती है तो तुरंत समीपस्थ पशु चिकित्सा संस्था के अधिकारियों/कर्मचारियों को सूचित करें एवं मृत पक्षी से दूरी बनाये रखें। पशुपालन विभाग प्रमुख बुरहानपुर ने बताया कि पक्षियों में फैलने वाले संक्रमण से बचाव हेतु निम्नलिखित सावधानियां बरती जाना आवश्यक है।
मृत पक्षी को ग्लब्स व मास्क पहनकर उठवायें तथा प्लॉस्टिक कोट एवं एप्रीन का उपयोग करें। मृत पक्षी को इधर-उधर ना फेंके, उसे गढ्डा कर दफना़ दे तथा उपर चूना पाउडर डाले ताकि पक्षी को कोई जानवर खा ना सके। यदि कही पर मुर्गियाँ बीमार पायी जाती है तो उन्हें स्वस्थ मुर्गियों से अलग कर लेवे व पशु चिकित्सक से उसका इलाज करावे। जो ग्लब्स मुर्गियों व पक्षियों को पकड़ने में उपयोग हुए हो उनका दोबारा इस्तेमाल ना करें तथा उन्हें भी जमीन में दफना देवे। मुर्गी या किसी भी बीमार पक्षी के संपर्क में आने पर अच्छी तरह से अपने हाथों को साफ रखें। पोल्ट्रीफार्म में देखभाल करने वाले व्यक्ति ही फार्म के अंदर प्रवेश करें अन्य व्यक्ति प्रवेश ना करें। पोल्ट्री फार्म के आसपास साफ-सफाई रखी जायें। चिकन व अण्डो को अच्छी तरह से पकाकर खाने में उपयोग करें।
पक्षियों एवं मुर्गियों में लक्षण
मुर्गी व पक्षी सुस्त हो जाते है। हरे एवं पीले रंग के दस्त होते है। आंख एवं नाक से पानी निकलता है तथा सांस लेने में तकलीफ होती है।
*जांच हेतु सैंपल भेजे गये*
उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ.लक्ष्मण सिंह बघेल ने जानकारी देते हुए बताया कि इंजीनियंरिंग कॉलेज ग्राम झिरी विकासखण्ड बुरहानपुर के पास दो कोऐ एवं चार कबूतर मृत पाये जाने की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी बुरहानपुर डॉ.प्रणय तिवारी एवं टीम को मौके पर भेजा जाकर मृत पक्षियों के सैंपल लिये एवं राज्य स्तरीय पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला भोपाल भेजा जा रहा है। इस संबंध में समस्त विभागीय अमले को सतर्क किया जाकर जिले में 6 रेपीड रिस्पोंस टीम का गठन किया गया है एवं आवश्यक सावधानी बरतने हेतु एडवाइजरी भी जारी की गई है।