एक जिला एक उत्पाद, आत्म निर्भर योजनान्तर्गत बैठक संपन्न | Ek jila ek utpad aatm nirbhar yojnantargat bethak sampann

एक जिला एक उत्पाद, आत्म निर्भर योजनान्तर्गत बैठक संपन्न 

एक जिला एक उत्पाद, आत्म निर्भर योजनान्तर्गत बैठक संपन्न

बुरहानपुर (अमर दिवाने) - जिले में ‘‘एक जिला एक उत्पाद‘‘ अंतर्गत केला का चयन किया गया। इस संबंध में आज जिला पंचायत सभागृह में बैठक संपन्न हुई। बैठक में कलेक्टर प्रवीण सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैलाश वानखेडे, श्रीमती अर्चना चिटनिस पूर्व मंत्री, सहायक संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी म.प्र. भोपाल डॉ. पूजा सिंह, पवनजी प्रोजेक्ट लीडर, बोस्टर्न कंसलटेन्सी ग्रुप भारत सरकार, ज्ञानेश्वर पाटील तथा डॉ.अजीत सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक, एम.एस.देवके उप संचालक कृषि, आर.एन.एस.तोमर उप संचालक उद्यान एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा कृषकगण उपस्थित रहे। 

एक जिला एक उत्पाद, आत्म निर्भर योजनान्तर्गत बैठक संपन्न

डॉ. पूजा सिंह द्वारा सभागृह में आत्म निर्भर भारत अभियान के अंतर्गत संचालित योजनाएं एग्रीकल्चर इन्फ्राइस्ट्रक्चर फण्ड एवं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के अंतर्गत रायपेनिंग चैम्बर, कोल्ड रूम, रैफर वैन एवं अन्य प्रायमरी प्रोसेसिंग यूनिट एवं सेकेण्ड्ररी प्रोसेसिंग यूनिट के संबंध में शासन की ओर से दिये जाने वाले अनुदान 35 प्रतिशत एवं 3 प्रतिशत ब्याज पर छूट के संबंध जानकारी दी। इसके साथ श्री पवन बोस्टर्न कंसलटेन्सी ग्रुप के माध्यम से ‘‘एक जिला एक उत्पाद‘‘ के अंतर्गत चयनित केला फसल की मार्केटिंग एवं मूल्य संवर्धन के संबंध में कृषकों एवं जनप्रतिनिधियों से विचार-विमर्श किया गया।  

श्री पवन द्वारा केला फसल के संबंध में केला से बने उत्पाद केला चिप्स, पाउडर एवं केला कटाई के उपरांत शेष केले के तने से बनाना फाईबर, बनाना फलुड, केण्डी की छोटी-छोटी यूनिट निर्माण कर अधिक लाभ कमा सकते है। इसके साथ गामा रेडीयेशन के उपयोग से केले की सेल्फ लाईफ 6 से 7 दिन बढाई जा सकती हैं, जिससे की केला एक्सपोर्ट की संभावनाए जिले में अधिक विकसित हो सकें। इसके साथ-साथ प्रायमरी एवं सेकेण्डरी प्रोसेसिंग यूनिट के माध्यम से भी केला फसल का उचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा। 

कलेक्टर द्वारा बोस्टर्न कंसलटेन्सी ग्रुप को यह बताया गया कि बुरहानपुर जिले में केले के बाजार की ऐसी व्यवस्था होना चाहिए की किसानों के केला फसल का विक्रय पूर्ण भारत एवं विदेशों में मार्केट लिंकेज तैयार किया जावें, जिससे की केला उत्पादक किसानों को उनकी फसल का अधिक से अधिक मूल्य प्राप्त हो सकें। केला फसल की सेल्फ लाईफ बढाने हेतु गामा रेडीयेशन टेक्नॉलॉजी की छोटी-छोटी यूनिट के प्लान तैयार किये जावें। जिले में स्थित व्यापारियों द्वारा केला फसल की मार्केटिंग हेतु पूंजी लगाकर मार्केट तैयार किया जाये। 

श्रीमती अर्चना चिटनीस द्वारा बोस्टर्न कंसलटेन्सी ग्रुप को अवगत कराया गया कि केला किसानों को अधिक से अधिक फायदा दिलाने हेतु केला फसल के बाजार एवं मूल्य संवर्धन के संबंध में अधिक से अधिक प्लान तैयार कर कृषकों को उपलब्ध कराये।

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