कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस 23 जनवरी को मध्य प्रदेश में राजभवन का करेगी घेराव | Krishi kanoon ke khilaf congress 23 january ko mp main rajbhavan ka karegi gherao

कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस 23 जनवरी को मध्य प्रदेश में राजभवन का करेगी घेराव

कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस 23 जनवरी को मध्य प्रदेश में राजभवन का करेगी घेराव

भोपाल (ब्यूरो रिपोर्ट) - केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों किसी कानून किसानों के खिलाफ हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसान बुरी तरह प्रभावित होंगे। प्रदेश कांग्रेस इसके विरोध में और किसानों को जागरूक करने के लिए प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन चलाएगी। इसकी शुरुआत सात जनवरी से होगी। सात से लेकर 15 जनवरी के बीच सभी जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का धरना प्रदर्शन होगा। 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे से दो बजे तक पूरे प्रदेश में किसानों द्वारा चक्काजाम किया जाएगा। 16 जनवरी को छिंदवाड़ा में किसान सम्मेलन और 20 जनवरी को मुरैना में किसान महापंचायत की जाएगी। 23 जनवरी को किसानों द्वारा भोपाल में राजभवन का घेराव किया जाएगा।

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता कर आंदोलन की रूपरेखा प्रस्तुत की उन्होंने बताया कि तीनों कृषि कानून किसानों को सीधे तौर पर प्रभावित करेंगे। इससे सिर्फ और सिर्फ बड़े व्यापारियों को ही लाभ होगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिलने का सर्वाधिक नुकसान मध्य प्रदेश के किसानों को होगा क्योंकि मध्य प्रदेश में धीरे-धीरे एमएसपी पर खरीद का दायरा बढ़ता जा रहा है। हाल ही में हम ने पंजाब को गेहूं खरीद के मामले में पीछे छोड़ा है।

मध्य प्रदेश सहित देश की अर्थव्यवस्था का पहिया ग्रामीण अर्थव्यवस्था से ही घूमता है और इसकी जान कृषि है। उन्होंने आरोप लगाया कि जनसंघ के जमाने से भाजपा निजीकरण की पक्षधर रही है। संविदा पर खेती से किसान अपने ही खेत में मजदूर बनकर रह जाएंगे। कानून भी इस तरह का बनाया गया है कि विवाद होने पर किसान को न्याय के लिए भटकना पड़ेगा। मंडियां धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी और कृषि बाजार पर कॉरपोरेट घरानों का एकाधिकार हो जाएगा। बड़े व्यापारी मनमानी करेंगे। मध्य प्रदेश का किसान है, इसलिए यहां उस तरह से विरोध नजर नहीं आ रहा है।

किसानों को जागरूक करने के लिए कांग्रेस कानून की हकीकत उन तक पहुंच जाएगी। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी, अरुण यादव पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा, जीतू पटवारी, किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

मैं कहीं नहीं जा रहा हूं यहीं रहूंगा

एक सवाल के जवाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं कहीं नहीं जा रहा हूं और आराम भी नहीं करूंगा। मैंने आराम करने की बात कार्यकर्ताओं के साथ निकाय चुनाव को लेकर संवाद के दौरान कही थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष या विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष में से एक पद रखने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पार्टी तय करेगी। मैंने पहले भी कोई आवेदन नहीं दिया था। संगठन में परिवर्तन को लेकर उन्होंने कहा कि इस पर सभी नेताओं से विचार-विमर्श चल रहा है। परिवर्तन निकाय चुनाव के बाद किया जाए या पहले, इसको लेकर दो राय है। आम सहमति बनाकर कदम उठाएंगे। उपचुनाव में हुई करारी हार को लेकर उन्होंने कहा कि एक-दो माह में संपूर्ण रिपोर्ट आ जाएगी, उसके बाद बड़ा खुलासा करूंगा।

सीबीडीटी की रिपोर्ट पर कहा कि सबकी जांच

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की रिपोर्ट को लेकर पूछे गए सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि सबकी जांच करें और जो खुलासा करना है करें। ई टेंडरिंग मामले को लेकर उन्होंने कहा कि इसे जांच के लिए तो अगस्त 2018 में भाजपा सरकार ने ही भेजा था। सेंट्रल लैबोरेट्री की रिपोर्ट हमारे समय में आई थी। मैं फंसाने वाली राजनीति नहीं करता हूं और न ही की है। आठ- दस साल से यह मामला चल रहा था। दक्षिण की कंपनी को तकनीकी जांच का काम सौंपा था। उसने बताया था कि इसमें साथ नहीं 107 टेंडर में गड़बड़ी हुई है।

हमारी प्राथमिकता में कभी व्यापमं, ई- टेंडरिंग या अन्य घोटाले की जांच नहीं रही। यह होता पर सब छोड़कर सिर्फ इसमें ही लगना हमारा मकसद नहीं था। कांग्रेस सरकार के समय दक्षिण की एक कंपनी को काम के पहले ही भुगतान किए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि मैंने तो उस का नाम तक नहीं सुना था। जबकि वह फर्म छिंदवाड़ा में पेंच सिंचाई परियोजना का काम भाजपा सरकार के समय से कर रही थी।

मंत्रालय में कैमरे लगे हैं, कौन आता पता लग जाएगा

भाजपा द्वारा कांग्रेस सरकार के समय मंत्रालय में दलालों का कब्जा होने के आरोप पर उन्होंने कहा कि पूरे मंत्रालय में कैमरे लगे हुए हैं। रजिस्टर भी है और कोई गुप्त रास्ता भी नहीं है। कौन किससे मिलता था, कौन आते थे, यह जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सकती है। मेरे फ्लोर में कौन आता था, यह उसे देखकर साफ हो जाएगा। इससे यह भी पता चल जाएगा कि मैं प्रदेश को कहां ले जा रहा था। अब कौन आते हैं यह भी सामने आ जाएगा।

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