मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मूल्यांकन में लापरवाही पर लगाया जुर्माना | Madhyapradesh highcourt ne mulyankan main laparwahi pr lagaya jurmana
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मूल्यांकन में लापरवाही पर लगाया जुर्माना
जबलपुर (ब्यूरो रिपोर्ट) - मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में लापरवाही सामने आने पर मूल्यांकनकर्ता पर दो हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। इसके साथ ही माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल को बढ़े हुए अंकों वाली संशोधित अंकसूची जारी करने के निर्देश दे दिए। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने तल्ख टिप्पणी में कहा कि उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन बेहद जिम्मेदारी का कार्य है, इसलिए लापरवाही अक्षम्य है। भविष्य में मूल्यांकन पूरी सावधानी से किया जाए इसी चेतावनी के साथ जुर्माना लगाया जा रहा है। स्वयं को हुई आर्थिक क्षति से लंबे समय तक गलती न दोहराने का भाव प्रगाढ़ होगा। साथ ही छात्रों के भविष्य के बिंदु पर इस तरह की लापरवाही पुनरावृत्त भी नहीं होगी, यही उम्मीद की जा रही है। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी सत्यप्रकाश चौधरी की ओर से पक्ष रखा गया। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि याचिकाकर्ता एक मेधावी छात्र है। उसे बारहवीं कक्षा में रसायनशास्त्र विषय में महज 30 अंक दिए गए। जिससे वह संतुष्ट नहीं हुआ।
लिहाजा, नए सिर से मूल्यांकन की मांग की गई। इसके बावजूद बहानेबाजी करते हुए राहत नहीं दी गई। इसलिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। हाई कोर्ट के निर्देश पर नए सिरे से मूल्यांकन की व्यवस्था दी गई। इस प्रक्रिया में पांच अंक बढ़ गए। इस तरह रसायनशास्त्र विषय के प्राप्तांक बढ़कर 35 हो गए। इससे साफ है कि पूर्व मूल्यांकनकर्ता ने लापरवाही बरती थी। ऐसे में उसके खिलाफ जुर्माना लगाया जाए। साथ ही नवीन अंकसूची जारी करने के निर्देश जारी किए जाएं। हाई कोर्ट ने वस्तुस्थिति समझने के साथ ही याचिकाकर्ता के हक में महत्वपूर्ण टिप्पणी सहित आदेश पारित कर दिया। यह आदेश भविष्य में अन्य छात्रों के हित में नज़ीर की भांति काम आएगा।
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