हर साल बढ़ रहे दिव्यांग पुनर्वास के लिए सुविधाएं कम
जिले में 30,000 से ज्यादा दिव्यांग विश्व विकलांगता दिवस आज
जबलपुर (संतोष जैन) - दिव्यांगों की मदद के लिए तमाम सरकारी योजनाओं का दावा किया जाता है इसके बावजूद पीड़ित व्यक्ति समाज की मुख्यधारा में मुश्किल से आ पाता है हमारे आसपास भी कई लोग ऐसे हैं जो अलग-अलग प्रकार की विकलांगता से ग्रसित हैं इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है इनकी देखभाल के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं दिव्यांगता को खत्म करने के उपायों पर गंभीरता से ध्यान देना जरूरी है वर्ष 2011 में जिले में 30,000 से ज्यादा विकलांग थे पिछले 10 वर्षों में यह संख्या बढ़ी है विकलांगता जन्मजात होती है कई बार किसी दुर्घटना से भी आ जाती है दोनों प्रकार की विकलांगता में लगातार इजाफा हो रहा है शासन की ओर से दिव्यांगों के कल्याण के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं और उनकी संख्या पर गौर करें तो इनमें नाम मात्र की कमी आई है जबलपुर में पिछले 5 वर्षों में योजनाओं के लाभ के लिए 26200 दिव्यांगों ने पंजीयन कराया इस साल नवंबर तक 1500 दिव्यांगों ने पंजीयन कराया है
जन्म से ही ध्यान देने पर जोर नहीं
कोविड- के कारण ऑनलाइन स्पर्धा
दिव्यांगों को शासन की योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने के प्रयास किए जाते हैं विभाग शासकीय संस्थाओं के माध्यम से उनकी शिक्षा मानसिक और शारीरिक विकास के साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करता है कुछ एनजीओ भी इस काम में जुटे हैं
आशीष दीक्षित संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय विभाग जबलपुर