युवा ट्रैफिक फोर्स द्वारा ट्रैफिक हीरो सम्मान का शुभारंभ किया गया | Yuva traffic force dvara traffic hero samman ka shubharambh
युवा ट्रैफिक फोर्स द्वारा ट्रैफिक हीरो सम्मान का शुभारंभ किया गया
जिसमें नियमो का पालन करने वाले नागरिकों के वाहनों में ट्रैफिक हीरो स्टिकर चस्पा किए गए
जबलपुर (संतोष जैन) - इस सम्मान का मुख्य उद्देश्य, ट्रैफिक नियमों को पालन करने वालो को गर्वित महसूस करवाना और अन्य लोगों में उस सम्मान को पाने की उत्सुकता देखना है, ताकि नियम पालनकर्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी हो।
“भारतीय सड़कों पर एक बड़ा बदलाव सड़क सुरक्षा के तीन सुनहरे नियमों का पालन करते हुए देखा जा सकता है - हेलमेट पहनना, सीटबेल्ट पहनना और सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करना। युवा ट्रैफिक फ़ोर्स के द्वारा इस सम्मान के माध्यम से, हम लोगों से आग्रह करते हैं कि वे स्वर्ण नियमों का पालन करने का संकल्प लें और ट्रैफिक हीरो बनें, ”
“नागरिकों को सड़कों पर निकलते समय अपने परिवार के बारे में सोचना चाहिए। हेलमेट पहनने या सीट बेल्ट लगाने में कितना समय लगता है? लेकिन समस्या यह है कि ज्यादातर लोग सोचते हैं कि वे अचूक हैं और ऐसी चीजें केवल दूसरों के लिए ही होती हैं। वर्ष 2020 तक संयुक्त राष्ट्र द्वारा सड़क दुर्घटनाओं को कम से कम 50% से अधिक करने की उम्मीद के साथ, भारत सहित सभी सदस्य देशों को इस प्रथा पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
हेलमेट या सीट बेल्ट पहनने से बचने के लिए नहीं। इसलिए, हम सभी प्रतिज्ञा करें और ट्रैफिक हीरो बनें।
ओर दुसरो को बनने के लिए प्रेरित करे।
इस मुहीम के शुभारंभ में नवागत एएसपी संजय अग्रवाल और
डीएसपी बीपी सालूकी के उपस्थिति रहे।
और जबलपुर ज़िन्दगी से रितेश राय, युवा ट्रैफिक फोर्स के अमन गंगराड़े, भारतदीप सिंह बेदी, माउंटेन मैन अंकित सेन, सुधांशु मांझी, अनुज पांडे, शुभम ठाकुर, सौरभ साहू, अभय सिंह बघेल, रितिक बंशकर, योगेश ठाकुर, पूनम यादव, गुंजन शर्मा, सुरेन्द्र यादव आदि मौजूद रहे।
यदि आप यातायात नियमो का पालन करते है!
यदि आप सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करते है!
यदि आप अन्य चालकों को परेशान नहीं होने देना चाहते है!
यदि आप रोंग साइडर नहीं है!
तो आपके पास अवसर है युवा ट्रैफिक फोर्स से ट्रैफिक हीरो सम्मान पाने का,
एक आदर्श चालक बनने का,
एक प्रेरक बनने का,
और सबसे ऊपर सुरक्षा एवम् सुरक्षित चालक होने का न केवल स्वयं के लिए, परिवार व समाज के लिए भी।
अपने लिए नही अपने परिवार के खातिर हीरो बनें।
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