विधि दिवस पर बोले न्यायाधीश, हमारा संविधान किसी के साथ भी विधि, धर्म, भाषा, लिंग के आधार पर विभेद नही करता है
अंजड (शकील मंसूरी) - हमारे देश का संविधान प्रत्येक व्यक्ति अनुच्छेद 14 में विधि के समक्ष समता का मौलिक अधिकार देता है , तथा देश के नागरिकों के साथ किसी भी जाति व धर्म के आधार पर भेदभाव नही करता है ,सविंधान कानून की आत्मा है , उक्त बातें आज विधि दिवस के उपलक्ष्य पर न्यायालय अंजड़ में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर को संबोधित करते हुए तहसील विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष और न्यायिक मजिस्ट्रेट अमूल मंडलोई ने कही l उन्होंने आगे नागरिकों के कानूनी अधिकारों की जानकारी दी साथ ही सभी को अपने कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक रहने को कहा ,उपस्तिथ अधिवक्ताओंऔर उपस्थित लोगो को इस महामारी से बचाव का भी संदेश दिया l शिविर की सम्पूर्ण जानकारी अधिवक्ता संजय गुप्ता ने दी l शिविर में उपस्तिथ न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री आभा गवली ने अपने उद्बोधन में मोटर यान अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी देते हुए कहा कि आज कल की युवा पीढ़ी वाहनों को अत्यधिक तेजी से चलाती है जिसके कारण सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है आम नागरिक का दायित्व है कि वह अपने परिजनों को मोटर यान अधिनियम के प्रावधनों की जानकारी दे और बिना हेलमेट, बीमा व बिना लाइसेंस के वाहन न चलाये l शिविर में उपस्थित अभियोजन अधिकारी अकरम मंसूरी ने इंटरनेट के दुरुपयोग की जानकारी दी और आज कल बढ़ रहे सायबर क्राइम के संबंध में विस्तार से जानकारी दी l शिविर में अंजड़ अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजेंद्र श्रीवास और संघ के सभी सदस्यों के अतिरिक्त न्यायालय कर्मचारी , उपस्थित पक्षकार उपस्तिथ थे l