श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में षाष्वत नवपद ओलीजी आराधना सम्पन्न | Shri mohankheda mahatirth main shasvat navpad oliji aradhna sampann
श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में षाष्वत नवपद ओलीजी आराधना सम्पन्न
उत्कृश्ठ भावों की आराधना फलदायी होती है: आचार्य ऋशभचन्द्रसूरि
राजगढ़ (संतीश जैन) - जिन शासन में 12 प्रकार के तप बताये गये है । 6 बाह्य और 6 अभ्यन्तर तप । अभ्यन्तर और बाह्य तपों में हम बाह्य तप उपवास आयंबिल आदि कर रहे है । रस परित्याग आयंबिल का ही रुप है । उपवास करना बहुत सरल है पर आयंबिल का तप करना बहुत कठिन है । रसना का त्याग करके निस्वाद भोजन करना बहुत कठिन होता है । इस में इन्द्रियों का संयम करना पड़ता है जो बहुत कठिन होता है । आयंबिल तप करते हुये सिद्धचक्र नवपद 9 दिवसीय ओलीजी आराधना कर्म क्षय के निमित्त से आराधक 9-9 ओलीजी की आराधना करते है । कुछ आराधक तो वृत्ति संक्षेप करते हुये एक ही वस्तु का उपयोग करके आयंबिल ओली आराधना तप के माध्यम से करते है ऐसी कठिन तप की आराधना सभी आराधकों के लिये मंगलमय बने । उक्त बात वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. ने कही और कहा कि उत्कृष्ट भावों से की गई नवदिवसीय ओलीजी आराधना सभी के लिये श्रेष्ठ फलदायी बने विश्व के लिये शांति और आरोग्यता मिले यही मैं सभी के लिये कामना करता हूॅं विगत मार्च माह से कोरोना काल चल रहा है । सभी आराधक धर्म आराधना से दूर हो चूके थे । पर्युषण पर्व में भी हम किसी को भी धर्म आराधना के लिये चाह कर भी नहीं बुला पाये । मेरे मन में यही भावना थी कि भले ही कम आराधक हो सामाजिक दूरी का पालन करते हुये ओलीजी की आराधना श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर करवाये । अब धीरे-धीरे कोरोना भी प्रस्थान कर रहा है । सभी आराधक आराधनाओं में जुड़ जाये । हमारे लाभार्थी परिवार जयसिंह राजेन्द्रकुमार सौभागमलजी एवं मधुबेन राजेन्द्र जी लोढ़ा ने आयंबिल ओलीजी का आयोजन किया है । में इन्हें भी आशीर्वाद प्रदान कर रहा हूॅ । इस अवसर पर कार्यदक्ष मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. ने सभी आराधकों के आरोग्यता एवं सफलतम् नवपद ओलीजी आराधना हेतु आशीर्वाद प्रदान किया । कार्यक्रम में प्रवचनकार मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. ने कहा जीवन में हमें नवकार उपहार के रुप में हमें मिला है इस उपहार ने हमारे जीवन में कई उपकार किये है । यह हमारे साथ भव-भव तक रहेगा । नवकार की साधना यदि कुशलता से की है तो सफलता भी निश्चित मिलेगी ।
श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ की ओर से मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, आशीष चत्तर, तीर्थ के महाप्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता आदि ने नवपद ओलीजी आराधना के लाभार्थी श्री राजेन्द्रकुमार सौभागमलजी लोढ़ा एवं श्रीमती मधुबेन राजेन्द्रकुमारजी लोढ़ा व श्रीमती अंगुरबाला लोढ़ा टाण्डा का बहुमान किया ।
श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के तत्वाधान में व दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पावनतम निश्रा में श्रीपाल राजा और मयणासुन्दरी द्वारा आधारित सर्वकष्ट निवारक आत्म शांति दायक आसोज माह की शाश्वत नवपद ओलीजी आराधना का आयोजन टाण्डा निवासी श्री राजेन्द्रकुमार सौभागमलजी लोढ़ा, श्रीमती मधुबेन, टीना जयसिंह लोढ़ा परिवार श्री शंखेश्वर पाश्र्व ग्रुप आॅफ कम्पनीज इन्दौर द्वारा रखा गया था, जिसकी पूर्णाहुति आज हुई ।
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