श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में मुमुक्षु सिमरन मांडोत का हुआ बहुमान | Shri mohankheda maha tirth main mumukshu simran mandot ka hua bahuman
श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में मुमुक्षु सिमरन मांडोत का हुआ बहुमान
राजगढ़/धार (संतोष जैन) - श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के तत्वाधान में व दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पाट परम्परा के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न कार्यदक्ष मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., युवाप्रेरक मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. व साध्वी श्री विरागयशाश्री जी म.सा. की पावनतम निश्रा में हुबली कर्नाटक निवासी मुमुक्षु कु. सिमरन बहन अभयकुमार जी मांडोत का बहुमान श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ ट्रस्ट के मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, ट्रस्टी मांगीलाल रामाणी, मंत्रणा समिति सदस्य भेरुलाल गादिया एवं तीर्थ के सहप्रबंधक प्रीतेश जैन द्वारा किया गया ।
इस अवसर पर मुनिराज श्री रजतचन्द्रवीीयजी म.सा. ने कहा कि योग कषाय निग्रह को ही विरती धर्म शास्त्रों में कहा गया है । योग का अर्थ यह है मन वचन और काया पर अंकुश लगाना और कषाय से मुक्ति प्राप्त कर अपनी आत्मा को विरती धर्म की और अग्रसर करना ही संयम कहलाता है । साध्वी श्री विरागयशाश्री म.सा. ने भी दीक्षार्थी के लिये आशीर्वाद वचन कहे । तीर्थ के मेनेजिंग ट्रस्टी ने कहा कि मुमुक्षु बहन अपनी आत्मा के कल्याणार्थ दीक्षा लेने हेतु भगवान महावीर के मार्ग पर अग्रसर हो रही है । वैसे बेटी की विदाई होती है तब सभी यह कहते है कि बेटी दो घरों का कल्याण करती है पर यह मुमुक्षु बहन अपनी आत्मा के कल्याण के साथ पूरे जैन समाज को नयी दिशा देने वाली है । कार्यक्रम में मुमुक्षु सिमरन बहन ने कहा कि जितना त्याग मैं कर रही हूॅ उससे कही ज्यादा त्याग मेरे परिवारजनों ने किया है उन्होंने मुझे दीक्षा लेने की अनुमति प्रदान कर मुझ पर बहुत बड़ा उपकार किया है । दीक्षार्थी ने पाट पर विराजित बंधुबेलड़ी मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. एवं मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. से आशीर्वाद प्राप्त किया । दीक्षार्थी एवं उनके परिजनों ने 22 फरवरी 2021 को बहन सिमरन की दीक्षा समारोह में हुबली पधारने का ट्रस्ट मण्डल एवं समाजजनों को आमंत्रण दिया ।
श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में जावरा के पदयात्री का हुआ बहुमान
राजगढ़ (धार) म.प्र. 20 नवम्बर 2020 । जावरा से पदयात्रा करते हुए गुरुभक्त श्री नीतिनकुमार सुशीलकुमार संघवी 19 नवम्बर को श्री मोहनखेड़ा तीर्थ पधारे । 140 किमी. की यह पदयात्रा उन्होंने 4 दिन में पूर्ण की । इनके साथ लाबरिया से श्रीमती कल्पना निलेशजी बाफना व अभिराज, चैत्य व कु. आशी भी इस पद यात्रा में शामिल हो गये थे ।
श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के तत्वाधान में व दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पाट परम्परा के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न कार्यदक्ष मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., युवाप्रेरक मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. व साध्वी श्री विरागयशाश्री जी म.सा. की पावनतम निश्रा में सभी यात्रीयों का तीर्थ महामंत्री श्री फतेहलाल कोठारी, ट्रस्टी श्री बाबुलाल खिमेसरा व श्री मांगीलाल रामाणी ने बहुमान किया ।
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