रेशम विभाग में कार्यरत कर्मियों को ड़ेढ साल से नहीं मिला वेतन
डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - जिला मुख्यालय से अमरकंटक मार्ग में जिला जेल के पास संचालित रेशम विभाग का कार्यालय लंबे समय से बंद पड़ा है। यहां कार्यरत कर्मचारियों को पिछले ड़ेढ वर्ष से अधिक समय से वेतन भी नहीं मिल रहा है। कार्यालय का बिजली बिल 60 हजार रुपये जमा न होने से कनेक्शन भी काट दिया गया है। बिजली न होने से कार्यालय में पदस्थ चौकीदार रात में अंधेरे में ड्यूटी देने मजबूर है। यहां कार्यरत सर्विस प्रोवाइडरों द्वारा इसकी शिकायत भी जिम्मेदारों से कई बार की जा चुकी है। इसके बाद भी उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है। रेशम विभाग के जिला नोडल अधिकारी पिछले तीन माह से बीमार होने के चलते भोपाल में इलाजरत होना बताया जा रहा है।
स्वरोजगार देने की पहल ठप
रेशम विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने की बेहतर पहल की जाती रही है। विशेषकर आदिवासी वर्ग के लोग रेशम के कीड़ों से कोसा का उत्पादन करते रहे हैं। बजाग, करंजिया, समनापुर, मेहंदवानी जनपद क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोग इस कार्य से जुड़े हुए थे, लेकिन पिछले चार साल से यह कार्य ठप पड़ा है। ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ने की पहल भी बंद हो गई है। लाखों की लागत से तैयार रेशम कार्यालय की शुरूआत वर्ष 2014 में हुई थी। शुरूआती दौर में तो अच्छा कार्य चला, लेकिन उसके बाद से यह कार्यालय अब बंद पड़ा है।
वेतन न मिलने से परेशान हैं कर्मचारी
रेशम विभाग में सर्विस प्रोवाइडर के पद पर कार्यरत गणेश बैरागी व पत्रिका मोंगरे ने बताया कि वे पिछले कई साल से यहां सेवाएं दे रहे हैं। कार्यालय में कुल 15 लोग कार्यरत थे। बताया गया कि वेतन न मिलने से अधिकांश कर्मचारी अपने घर चले गए हैं। वर्तमान में कार्यालय में महज चार लोग ही हैं। बताया गया कि उन्हें मार्च 2019 से वेतन नहीं मिल रहा है। मंडला स्थित विभाग के कार्यालय में अधिकारियों से पूछताछ करने पर बजट न आने की बात कहकर टाल दिया जाता है। बताया गया कि काम बंद होने से रेशम का धागा बनाने की मशीनें धूल खा रही हैं। साथ ही किसानों द्वारा उत्पादित कोसा भी खराब हो रहा है।
बंद पड़े बिजली के उपकरण
कार्यालय में कार्यरत सर्विस प्रोवाडरों ने बताया कि बिजली न होने से कार्यालय में लगे बिजली से चलने वाले उपकरण बंद पड़े हैं। वाटर कूलर, कंप्यूटर सहित मशीनें बंद हैं। काम बंद होने से ग्रामीण क्षेत्रों में रेशम का उत्पादन कर रहे किसान भी परेशान हैं। उत्पादन न होने से किसानों को भी नुकसान हो रहा है।
इनका कहना है
कर्मचारियों के वेतन से संबंधित बिल वाऊचर बनाकर मंडला भेज दिए गए थे। वेतन वहीं से आना था। उच्चाधिकारियों को भी समस्या से अवगत करा दिया गया है। मैं इलाजरत हूं। इस बारे में और कुछ नहीं बता पाऊंगा
बीएल बिल्लोरे
जिला नोडल अधिकारी रेशम डिंडौरी।