मंत्री श्री कावरे ने नाहरवानी में किया धान खरीदी केंद्र का शुभारंभ | Mnatri shri kavre ne naharwani main kiya dhaan kharidi kendr ka shubharambh

मंत्री श्री कावरे ने नाहरवानी में किया धान खरीदी केंद्र का शुभारंभ

मंत्री श्री कावरे ने नाहरवानी में किया धान खरीदी केंद्र  का शुभारंभ

बालाघाट (देवेंद्र खरे) - किसान अनाज उपजाने के लिए अपने खेत में कड़ी मेहनत करता है। किसान को उसकी मेहनत का सही दाम मिले इसके लिए राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी का इंतजाम किया गया है। हमारी सरकार किसानों का एक-एक दाना समर्थन मूल्य पर खरीदेगी और उसे परेशान नहीं होने देगी। जरूरत पड़ने पर धान खरीदी की अंतिम तिथि 16 जनवरी से भी आगे बढ़ाने का काम किया जायेगा। यह बातें मध्यप्रदेश शासन के राज्य मंत्री आयुष (स्वतंत्र प्रभार) एवं जल संसाधन विभाग श्री रामकिशोर “नानो’’ कावरे ने आज 17 नवंबर 2020 को ग्राम नहरवानी में समर्थन मूल्य पर खरीदी के शुभारंभ कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए कही। 

मंत्री श्री कावरे ने नाहरवानी में किया धान खरीदी केंद्र  का शुभारंभ

सेवा सहकारी समिति नाहरवानी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश अल्प संख्यक आयोग के सदस्य डॉ तुकड़्यादास वैद्य, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी, प्रभारी एसडीएम श्री रामबाबू देवांगन, उपायुक्त सहकारिता श्री आलोक दुबे, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस के शुक्ला, श्री राजेश नगपुरे, श्री देवीशंकर टेंभरे, श्री वेदप्रकाश पटेल, नाहरवानी, चिखला एवं समीपवर्ती ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। कार्यक्रम में मंत्री श्री कावरे ने तौलकांटों की पूजा कर धान खरीदी का शुभारंभ किया अपने सामने एक किसान का धान तौल कराया। इस दौरान उन्होंने धान की नमी एवं अशुद्धि मापने की प्रक्रिया को भी देखा। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री श्री कावरे ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि 17 नवंबर से सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में धान की खरीदी प्रारंभ हो गई है। बालाघाट मध्यप्रदेश का सर्वाधिक धान उत्पादक जिला है, इसलिये समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का इस जिले के लिए एक अलग महत्व है। बालाघाट जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए कुल 172 केन्द्र बनाये गये है। प्रदेश सरकार किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिए कृत संकल्पित है। इसके लिए व्यापक स्तर पर व्यवस्था की गई है कि किसानों को किसी तरह की समस्या न हो। 

मंत्री श्री कावरे ने कहा कि समर्थन मूल्य पर उपार्जन में हर वर्ष कुछ समस्या आती है, लेकिन उन समस्याओं को दूर कर हर बार व्यवस्था में सुधार करने का प्रयास किया जाता है। धान खरीदी केन्द्र के प्रभारी एवं कम्प्यूटर आपरेटर की जिम्मेदारी है कि वह किसानों से अच्छा व्यवहार करे और उनसे शालीनता के साथ बात करें। खरीदी केन्द्र किसानों की मदद के लिए बनाये गये है, न कि किसानों के लिए समस्या पैदा करने। समिति प्रबंधक की भी जिम्मेदारी है कि वह हर दिन अपने केन्द्र में देखे कि किसानों को कोई समस्या तो नहीं हो रही है। सभी खरीदी केन्द्रों पर किसानों के बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था हो और पाने के साफ पानी का इंतजाम हो। जरूरत पड़ने पर किसानों के लिए रात्री में रूकने का भी इंतजाम किया जाये। 

मंत्री श्री कावरे ने कहा कि खरीदी केन्द्र पर बारदाने की कमी नहीं होना चाहिए। बारदाने हर समय पर्याप्त संख्या में उपलब्ध रहना चाहिए। किसानों से धान की तौल करते समय प्रति बोरी 40 किलोग्राम 800 ग्राम ही धान तौला जाये। किसान द्वारा लाये गये धान में 17 प्रतिशत से अधिक नमी हो या अन्य अशुद्धि हो तो उसे दो दिन सुखाने के लिए और साफ करके लाने के लिए कहा जाये। लेकिन किसान के धान को वापस नहीं करना है। जिला प्रशासन द्वारा इस बार धान के परिवहन के लिए पहले से ही व्यवस्था कर ली गई है और भंडारण की क्षमता भी बढ़ाई है। इसके अलावा मिलर्स को भी कस्टम मिलिंग के लिए 30 प्रतिशत धान सीधे उठाने की अनुमति दी गई है। इस व्यवस्था से खरीदी केन्द्रों पर धान का अधिक भंडारण नहीं हो पायेगा और धान का उठाव न होने के कारण खरीदी प्रभावित नहीं होगी और किसानों को समय पर भुगतान होगा। मंत्री श्री कावरे ने कहा कि वे स्वयं धान खरीदी केन्द्रों का भ्रमण करते रहेंगें और अव्यवस्था पाये जाने पर कार्यवाही भी करेंगें। 

डॉ तुकड्यादास वैद्य ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश की सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उन्हें हर तरह से मदद कर रही है। किसानों को शून्य प्रति ब्याज पर उधार दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना में किसानों को 06-06 हजार रुपये की राशि दी जा रही है और अब राज्य सरकार द्वारा भी 02-02 हजार रुपये की राशि दी जा रही है। 

कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने कार्यक्रम में बताया कि पुराने अनुभवों के आधार पर इस बार धान खरीदी की व्यवस्था को और बेहतर बनाने का प्रयास किया गया है। बालाघाट जिले में सबसे अधिक 172 केन्द्र बनाये गये है। इस बार धान के परिवहन के टेंडर होकर परिवहन कर्त्ता से अनुबंध भी किया जा चुका है। इस बार जिले में 85 हजार मिट्रीक टन भंडारण की क्षमता बढ़ाई गई है। मिलर्स को भी सीधे खरीदी केन्द्र से 30 प्रतिशत धान उठाने की अनुमति दी गई है। इस वर्ष जिले के एक लाख 18 हजार से अधिक किसानों का पंजीयन किया गया है। किसानों से 1868 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी की जायेगी। किसान धान को अच्छी तरह से सुखाकर और छानकर ही बिक्री के लिए लेकर आये। जिले के सभी खरीदी केन्द्रों पर वर्षा की स्थिति में धान को भीगने से बचाने के लिए मनरेगा से प्लेटफार्म-शेड बनाये जा रहे है। नाहरवानी में भी 10 दिनों के भीतर प्लेटफार्म-शेड बनकर तैयार हो जायेगा। 

17 प्रतिशत से अधिक नमी होने पर धान को सुखाना पड़ेगा

समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए एफएक्यू मापदंड का पालन किया जायेगा। जिसके अनुसार बिक्री के लिए लायी गई धान में 17 प्रतिशत से अधिक नमी नहीं होना चाहिए, कार्बनिक पदार्थ 01 प्रतिशत, अकार्बनिक पदार्थ 01 प्रतिशत, क्षतिग्रस्त, बदरंग, अंकुरित एवं घुने दाने 05 प्रतिशत, अपरिपक्व, सिकुड़े, कुम्हलाये दाने 03 प्रतिशत, निम्न श्रेणी का मिश्रित धान 06 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। किसानों को इस मापदंड के अनुसार ही धान बिक्री के लिए लाने की सलाह दी गई है।

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