मनरेगा के कार्यों में मजदूरों को समय पर मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित हो
जिला पंचायत सीईओ ने की ग्रामीण विकास योजना की प्रगति की समीक्षा
बालाघाट (देवेंद्र खरे) - जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती आर. उमा महेश्वरी ने जिले की सभी 10 जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक लेकर ग्रामीण विकास योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिये. बैठक में कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, योजनाओं के प्रभारी, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, सहायक यंत्री, ए. पी. ओ., ए. ए. ओ., परियोजना अधिकारी एवं बी. पी. ओ. जनपद पंचायत उपस्थित थे.
श्रीमती महेश्वरी ने बैठक में जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रामीण विकास योजनाओं के कार्य समय सीमा के अनुसार पूर्ण किये जाये. इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं होना चाहिए. निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये और मनरेगा के कार्यों में मजदूरों को समय पर मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित किया जाये. मनरेगा के कार्यों में मजदूरी का भुगतान लंबित नहीं रहना चाहिए.
बैठक में 15 वें वित्त आयोग के कार्यों की समीक्षा के दौरान जनपद पंचायतों के सीईओ को निर्देशित किया गया कि 15 वें वित्त आयोग योजनांतर्गत समस्त ग्राम पंचायतों को पीएफएमएस में ऑनबोर्ड एन्ट्री होना अनिवार्य किया गया है. अतः जिन ग्राम पंचायतों का पीएफएमएस में ऑनबोर्ड एन्ट्री शत प्रतिशत हो गया है, उन्हें जीपीडीपी में में 15 वें वित्त के कार्य चालू करायें. विकासखण्ड बिरसा में ग्राम पंचायत छपला एवं सिंघनपुरी तथा विकासखण्ड लांजीं अंतर्गत ग्राम पंचायत कटंगी एवं सिहारी में डीएससी की समस्या होना बताया गया. जिसे जिला स्तर पर सुधार कराने के निर्देश दिये. सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि 15 वें वित्त आयोग अंतर्गत प्रतिदिन जीपीडीपी के आधार पर प्रगति लाना सुनिश्चित करें. 14 वां वित्त आयोग योजना की राशि का 50 प्रतिशत से कम व्यय करने वाली ग्राम पंचायतों को व्यय का प्रतिशत बढ़ाने कहा गया.
बैठक में मनरेगा के कार्यों की समीक्षा के दौरान निर्देशित किया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जनपद पंचायतों में लेबर बजट लक्ष्य के विरूद्ध शत प्रतिशत उपलब्धि होना अनिवार्य है. श्रमिक नियोजन उपयंत्रीवार, सेक्टरवार प्रति जनपद पंचायत एवं प्रति ग्राम पंचायत निर्धारित किया जाकर कार्यो के चयन, पूर्व स्वीकृति आदि आगामी समीक्षा बैठक के पूर्व पूर्ण करने कहा गया. प्रति दिन जनपद पंचायत क्षेत्रांतर्गत कोई भी ग्राम पंचायतों में शून्य लेबर की स्थिति निर्मित नहीं होने के निर्देश दिये गये.