फरार सूदखोर अतुल गहलोत पर इनाम बढ़ाने की तैयारी में पुलिस
उज्जैन (रोशन पंकज) - फोटोग्राफर नीलेश शेल्के प्रताड़ना एवं आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले मुख्य आरोपी अतुल गहलोत एक माह से अधिक बीतने के बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर है। सूत्रों के अनुसार अतुल गहलोत कुछ सालों तक सब्जी मंडी में सब्जी बेचने का व्यवसाय करता था लेकिन इस काम को करने से वह अपने पत्नी एवं बच्चों के महंगे शौक पूरे नहीं कर पाता था। जिसके लिए उसने प्याज का गोरखधंधा शुरू किया और आसपास के सब्जी बेचने वालों को 10 परसेंट ब्याज पर पैसे बांटने लगा। ब्याज का धंधा अच्छा चलने पर अतुल गहलोत ने सब्जी का काम अपने छोटे भाई को सोप दिया और खुद चॉकलेटी चाय फ्रीगंज के साथ मिलकर लोगों को 10 से 15 परसेंट ब्याज पर पैसा बाटने लगा एवं समय पर पैसा नहीं देने पर पेनल्टी जोड़कर उन्हें ब्लैकमेल एवम प्रताड़ित करने लगा। ब्याजखोरी से अतुल गहलोत के पास काफी अधिक रकम इक्कठी हो गई जिससे उसने महंगी कार, मकान, सोना खरीदा और लोगों की गिरवी रखी रकम हड़प ली। ब्याज भट्टे के धंधे से अतुल गहलोत के पास इतना पैसा आ गया कि वह हर माह अपने ब्याज का परसेंट सांवरिया सेठ को चढ़ाने लगा और पुराने शहर के एक भाजपा पार्षद के संरक्षण में युवा मोर्चा में नेतागिरी करने लगा। नेतागिरी की आड़ में ब्याज का काम और शहर में रुतबा पैदा करने में नेतागिरी काफी काम आई। खुद की पत्नी-बच्चो के महंगे शोक पूरे करने के लिए अतुल ने फोटोग्राफर नीलेश के बच्चे को अनाथ बना दिया। नीलेश को आत्माहत्या के लिए उकसाने में अतुल का मुख्य किरदार रहा है। जिसके बाद से अतुल अपने साथियो के साथ फरार है जिसपर पुलिस ने धारा 306, 34 का मुकदमा दर्ज कर 10,000 का इनाम भी रखा हुआ है। अवैध ब्याजखोरी एवम ब्लैकमेलिंग में एक युवक की जान जाने के बावजूद अतुल गहलोत निवासी रामीनगर जैसे सूदखोरो का एक माह से अधिक फरार होना पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है। अतः जिला दंडाधिकारी को अतुल गहलोत की गलत कमाई से किये गए निर्माण को तोड़कर संपत्ति को जप्त करना चाहिए एवं इसपर रासुका लगाना चाहिए जिससे पीड़ितों को न्याय मिल सके।