कोरोना को ठेंगा अपने-अपने घरों से निकले वोट डालने वाले
बूथ कैपचरिंग गोलीबारी की घटनाओं के बीच प्रदेश में 28 सीटों पर हुआ मतदान
भोपाल (संतोष जैन) - प्रदेश के सबसे बड़े उपचुनाव में मंगलवार को अनुमान से ज्यादा मतदान हुआ छिटपुट हिंसक वारदात के बीच लगभग 69 , 93% मतदाताओं ने वोट डाले 2018 के चुनाव में इन्हीं 28 सीटों पर औसतन 73 ,39 प्रतिशत मतदान हुआ था हालांकि इस बार कोरोना मै मतदान कम होने का अनुमान था गद्दार बनाम टिकाऊ के मुद्दे पर लड़े गए इस उपचुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए और मंत्री बने 12 नेताओं का भी राजनीतिक कैरियर इस चुनाव में तय होगा हालांकि दोनों दलों ने जीत के दावे किए हैं भाजपा-कांग्रेस दोनों ने किए हैं जीत के दावे 12 मंत्रियों का राजनीतिक कैरियर होगा तो ग्वालियर चंबल क्षेत्र में हिंसक वारदात 60 शिकायतें की गई चुनाव आयोग को
शाम 7:00 बजे के बाद भी लगी रही लंबी कतारें
मंगलवार को मतदान सुबह 7:00 बजे से शुरू हुआ शाम 7:00 बजे के बाद भी कई मतदान केंद्रों पर कतारें लगी रहीं सबसे ज्यादा मतदान 83 ,75 प्रतिशत आगर सीट पर और सबसे कम मतदान ग्वालियर पूर्व में 48 , 15% व अंतिम आंकड़े आने पर प्रतिशत में बदलाव संभावित है उपचुनाव सुरक्षा व्यवस्था एवं कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए हुआ
प्रदेश में बंपर वोटिंग से भाजपा की बंपर जीत है जनता ने लोकतंत्र में विश्वास जताया है कोरोना का भय कहीं नहीं दिखा इस वोटिंग से कांग्रेसी बौखला गई है ईवीएम पर ठीकरा छोड़ना चाहती है
शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश
मतदान का बड़ा प्रतिशत भाजपा के लिए एक संकेत है हमने चुनाव आयोग में शिकायत कर मांग की है कि सुमावली व महगांव में उन बूथो पर पुनर्मतदान कराया जाए जहां हिंसा और फर्जी मतदान हुआ है
कमलनाथ पूर्व मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश