श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में षाष्वत नवपद ओलीजी आराधना | Shri mohankheda mahatirth main shashvat navpad oliji aradhna

श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में षाष्वत नवपद ओलीजी आराधना

जीवन में संदेह मिटाकर धर्म संदेष ग्रहण करें: मुनि रजतचन्द्रविजय

श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में षाष्वत नवपद ओलीजी आराधना

राजगढ़ (संतोष जैन) - णमोकार महामंत्र को आधार मानकर नवपद ओलीजी आराधना करने वाला आराधक कभी भी झुठ का सहारा नहीं लेता है । हमारी आराधना में हमें आत्म निर्भर रहना चाहिये । नवपद ओलीजी आराधना के प्रथम दो दिन देव तत्व का चिन्तन किया बाद के तीन दिनों में गुरु तत्व का चिन्तन किया । अब ओली आराधना के छठे दिन धर्म तत्व का चिन्तन किया जा रहा है । जिसमें प्रथम सम्यकदर्शन विषय पर आज चिन्तन किया जा रहा है । सम्यकदर्शन का सीधा अर्थ हंस की दृष्टि जैसा है । जिस प्रकार हंस भी दूध ओर पानी में से सिर्फ दूध की बुन्दों को ही ग्रहण करता है पानी छोड़ देता है । उसी प्रकार हमें भी धर्म के क्षेत्र में आत्मा के कल्याण के लिये सम्यकदृष्टि रखकर सिर्फ ज्ञान की बातों को ही स्वीकार करना है बाकी छोड़ देना है । सम्यकदर्शन से युक्त आत्मा दर्शन, ज्ञान और चारित्र के तत्वों को ग्रहण करके फालतु की बातों को छोड़ देती है । उक्त बात वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. ने प्रवचन में कही और कहा कि संसार में जितनी सुविधा उतनी ही दुविधा है । जितनी धर्म के प्रति सच्ची लगन और श्रद्धा होगी उतनी ही जल्दी आत्मा का कल्याण होगा । नवपद ओलीजी आराधना करते करते व्यक्ति को नित प्रतिदिन नया नियम लेकर अपने जीवन के दूर गुणों को छोड़ देना चाहिये । तभी जीवन श्रेष्ठ व उज्जवल बनेगा । भावनाऐं इतनी उज्जवल ओर उंची होना चाहिये कि आत्मा को केवलज्ञान तक की प्राप्ति हो जाये । आराधना का सीधा अर्थ शांति की प्राप्ति । यदि हम आराधना कर रहे है और हमारी आत्मा में शांति नहीं है तो हमारा जीवन बेकार है । जीवन से संदेह हटाकर धर्म संदेश को ग्रहण करें हमारी आराधना का सच्चा सार यही है । जब तक हमारे जीवन में सच्ची श्रद्धा होगी सम्यकदर्शन होगा तभी हमारा जीवन सफल हो पायेगा । छठे दिन मुनिश्री ने श्रीपाल ओर मयणासुन्दरी रास के दोनों चरित्रों पर विस्तृत रुप से प्रकाश डाला और व्याख्या की । आज आराधकों ने नवपद आराधना ओलीजी के छठे वें दिन सम्यकदर्शन पद की आराधना की । इस पद का विशेष महत्व माना गया है ।

श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में षाष्वत नवपद ओलीजी आराधना

श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के तत्वाधान में व दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पावनतम निश्रा में श्रीपाल राजा और मयणासुन्दरी द्वारा आधारित सर्वकष्ट निवारक आत्म शांति दायक आसोज माह की शाश्वत नवपद ओलीजी आराधना का आयोजन टाण्डा निवासी श्री राजेन्द्रकुमार सौभागमलजी लोढ़ा, श्रीमती मधुबेन, टीना जयसिंह लोढ़ा परिवार श्री शंखेश्वर पाश्र्व ग्रुप आॅफ कम्पनीज इन्दौर द्वारा रखा गया है । श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदत्त गाईड लाईन के अनुसार शाश्वत नवपद ओलीजी आराधना चल रही है ।


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