समन्वित खेती की तकनीक अपनाकर महिला दे सकती है खेती में अपना पूर्ण योगदान - डाॅ. बडोदिया!samanvit kheti ki takanik aapnakar mahila de sakati h kheti me apna purn yogadan -dr.badodiya
बड़वानी / कृषि विज्ञान केन्द्र बड़वानी में गुरूवार को महिला किसान दिवस के अवसर पर विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें संस्था के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. एस.के.बड़ोदिया ने महिला कृषको को मार्गदर्शन प्रदान किया ।
संस्था में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान डाॅ. बड़ोदिया ने कहा कि महिला भी कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है बस उसे अपनी पांरपरिक खेती में कुछ तकनीकी सुधार करने की आवश्यकता है। इससे जहाॅ उन्हें अधिक उत्पादन प्राप्त होने लगेगा वहीं कृषि लागत भी कम हो जायेगी । इस हेतु उन्हें अच्छी किस्म के बीज का उपयोग, बीजोपचार, बूंद-बूंद सिंचाई पद्वति का प्रयोग व समन्वित खेती प्रणाली को अपनाना होगा ।
इस अवसर पर केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ. एस.पी. त्रिपाठी एवं डाॅ. डीके जैन ने बताया कि कुपोषण को मिटाने के लिये जन-जन को जागरूक करने में महिला का विशेष योगदान हो सकता है। इसके लिये उन्हें देशी अनाजो को अपनाते हुये किचन गार्डन को पुनः अपनाना होगा ।
इस अवसर पर आंगनवाड़ी कार्यकता व सहायिका द्वारा पोषण से संबधित छोटी प्रदर्षनी का आयोजन भी किया गया । इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को केन्द्र की विभिन्न इकाईयों का भ्रमण भी कराया गया व समन्वित खेती तकनीकी अन्तर्गत मुर्गीपालन, बकरीपालन, डेयरी, फलों की खेती, केंचुआ खाद आदि की जानकारी दी गयी।
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