मन में ही जलाएं बुराइयों का रावण,नहीं होंगे कार्यक्रम
समनापुर (पप्पू पड़वार) - कोरोना महामारी के कारंण विजयादशमी पर रावण दहन के आतिशी कार्यक्रम नहीं होंगे। समनापुर जनपद मुख्यालय सहित गांवों में भी दहन के कार्यक्रम रोक दिए गए हैं।
इस साल कई तीज-त्योहार तो नहीं मनाए जा सके, तो दशहरे पर भी संक्रमण का साया है। समनापुर के सिहारे मार्केट प्रांगण में दुर्गा समिति की ओर से प्रतिवर्ष होने वाला आयोजन दशकों बाद नहीं होगा। मैदान में अब तक पुतले खड़े कर दिए जाते थे। दहन की तमाम तैयारियां एक दिन पहले तक पूरी हो जाती हैं, लेकिन मैंदान खाली पड़ा है। हर साल दहन व आतिशबाजी देखने सैकड़ों की तादाद में लोग इकट्ठा होते हैं। समिति की ओर से मां कल्याणी दरबार से भगवान श्रीराम की परिवार सहित सवारी निकलती है। मैदान में कई दिनों पहले ही रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतलों का निर्माण कर उन्हें खड़ा किया जाता है। आयोजन पर समिति करीब हजारों रुपये खर्च करती है।
जलाएं कोरोना से उपजे बुरे हालातों का रावण
इस साल कोरोना ने कई तरह के बुरे हालात पैदा कर दिए हैं, जिनके विरुद्ध आमजन के संकल्प को इस पावन मौके पर मजबूत करने का अवसर है। चूंकि बुराई पर अच्छाई के विजय का यह प्रतीक पर्व है, ऐसे में कोरोनाकाल में मानव जाति पर बढ़े संकट पर नियंत्रण और जीत का जज्बा दिखाने का उत्सव बना दें।
मन में ही जलाएं रावण के ये 10 मुण्ड
1. बेरोजगारी से उपजी स्थिति में जरूरतमंद की मदद करेंगे।
2. समाज में बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण में अपना हर सम्भव सहयोग करेंगे।
3. रोगों से लडऩे के लिए जागरूक रहकर अपना व परिवार का ध्यान रखेंगे।
4. असहयोग की भावना को तिलांजलि देंगे।
5. निज स्वार्थ के वशीभूत न होकर सर्वजन हित की सोच को बढ़ाएंगे।
6. बढ़ते अविश्वास को घटाकर आपसी सौहार्द्र को कायम करेंगे।
7. किसी तरह के वैमनस्यता को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे।
8. कोरोनाकाल में प्रभावित हुई बच्चों की शिक्षा के लिए मदद करेंगे।
9. हर व्यक्ति को भोजन और बीमार को इलाज मिले, यह काम सामाजिक स्तर पर भी करेंगे।
10. अवसाद-तनाव के रावण को जलाकर मन पर नियंत्रण रखने का प्रयास करेंगे।