"खुशियों की दास्तां" लोकोपयोगी लोक अदालत से अल्प समय में एक आवेदक की समस्या का हुआ समाधान| lokopyogi lok adalat se alp samay me ek aavedak ki samsya ka hua smadhan




लोकोपयोगी लोक अदालत के माध्यम से अत्यंत अल्प समय में छिन्दवाड़ा के एक आवेदक श्री कुन्दनलाल पटेल की पुत्री की समस्या का समाधान हो गया है । यह समाधान विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22 ए के अंतर्गत विभिन्न लोकोपयोगी सेवाओं के प्रावधानों के कारण संभव हुआ है ।

      राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व म.प्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशों के अनुसार विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22 ए के अधीन विभिन्न लोकोपयोगी सेवायें चिन्हित की गई हैं। इन लोकोपयोगी सेवाओं के अंतर्गत भारत के राजपत्र में 16 फरवरी 2016 की अधिसूचना में शैक्षिक या शैक्षणिक संस्थाओं की सेवा को लोकोपयोगी सेवा घोषित किया गया है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री बी.एस.भदौरिया के मार्गदर्शन में जिले में लोकोपयोगी सेवाओं की लोक अदालत संचालित की जा रही है। इस लोकोपयोगी लोक अदालत के अध्यक्ष के रूप में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/अपर जिला न्यायाधीश और सदस्य के रूप में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग शामिल हैं।

      जिला विधिक सेवा प्राधिकरण छिन्दवाड़ा के सचिव एवं अपर जिला जज श्री अरविंद  कुमार गोयल ने बताया कि इस लोकोपयोगी लोक अदालत में छिन्दवाड़ा के आवेदक श्री कुन्दनलाल पटेल ने एक आवेदन प्रस्तुत कर निवेदन किया कि उसकी पुत्री कुमारी चेतना पटेल ने भगवान श्रीचंद पब्लिक स्कूल छिन्दवाड़ा से आठवी कक्षा उत्तीर्ण की है, किंतु प्राचार्य द्वारा स्थानांतरण प्रमाण पत्र देने से मना किया गया है, इसलिये स्थानांतरण प्रमाण पत्र दिलवाया जाये। लोकोपयोगी सेवाओं की आयोजित लोक अदालत में 26 सितंबर 2020 को इस आवेदन पत्र एवं आवेदक को सुना गया तथा अनावेदक भगवान श्रीचन्द पब्लिक स्कूल छिन्दवाड़ा को लोकपयोगी लोक अदालत में 3 अक्टूबर 2020 को पेश होने के लिये सूचना पत्र जारी किया गया। अनावेदक स्कूल को नोटिस प्राप्त होते ही स्कूल द्वारा आवेदक श्री कुन्दनलाल पटेल को बुलाकर छात्रा कुमारी चेतना पटेल को स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्रदान कर दिया गया । आवेदक कुन्दनलाल पटेल ने 3 अक्टूबर 2020 को आयोजित लोकोपयोगी लोक अदालत में उपस्थित होकर बताया कि इस अदालत द्वारा नोटिस जारी किये जाने के बाद अनावेदक स्कूल से उसकी पुत्री चेतना पटेल की मार्कशीट और स्थानांतरण प्रमाण पत्र उसे प्राप्त हो गये है। अनावेदक स्कूल की ओर से भी सहमति व्यक्त की गई। इस प्रकार लोकोपयोगी लोक अदालत के माध्यम से आवेदक और उसकी पुत्री को अल्प समय में ही उनकी शिकायत का समाधान मिल जाने से वे अत्यन्त खुश हैं।


 


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