धर्म से लोकिक ओर आध्यात्मिक सुखों की प्राप्ति सम्भव: मुनि रजतचन्द्रविजय | Dharm se lokik or adhyatmik sukho ki prapti sambhav

धर्म से लोकिक ओर आध्यात्मिक सुखों की प्राप्ति सम्भव: मुनि रजतचन्द्रविजय

श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में षाष्वत नवपद ओली आराधना

धर्म से लोकिक ओर आध्यात्मिक सुखों की प्राप्ति सम्भव: मुनि रजतचन्द्रविजय

राजगढ़ (संतोष जैन) - संसार एक कारागृह है इसमें हम अपने दैनिक जीवन की छोटी मोटी तकलीफो को दूर करने के लोभ में पड़े रहते है पर नवपद ओली आराधना हमें इस कारागृह से मुक्ति प्रदान करती है । नवपद के नवरत्न हमें मुक्ति के पथ पर अग्रसर करते है । नवपद ओलीजी आराधना से कई महापुरुषों के जीवन का उद्धार हुआ है । संसार समस्या रुपी है इसका परिणाम ही दुखों को दिलाने वाला है । जिसके जीवन में धर्म ना जुड़ा हुआ है वह जीव संसार में भटक जाता है । इस आराधना में सार भी है और पार भी है । इसके लिये इसमें पूरी तनमयता के साथ जुड़कर आराधना के प्रति श्रद्धा और विश्वास रखना नितान्त आवश्यक है । नवकार के 68 अक्षरों में 68 प्रकार की औषधियां समाहित है जो हमारे जीवन का उपचार करने में सक्षम है । इस महामंत्र में अपार शक्ति विद्यमान है । इन्हीं 68 अक्षरों में तीर्थो के नाम की यात्रा भी समाहित है । हम धन को कभी भी साथ लेकर नहीं चल सकते पर हम जो धर्म आराधना करते है । वह हमेशा हमारे साथ में चलती है । उक्त बात वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. प्रवचन में कही और मुनिश्री ने बताया कि संसार के चक्र से सिर्फ सिद्धचक्र ही मुक्ति प्रदान कर सकता है । जीवन में हमारी जैसी भावना होगी, वैसे हमारे भाव होगें और उसी अनुरुप ही हमें फलों की प्राप्ति होगी । मुनिश्री ने श्रीपाल ओर मयणासुन्दरी रास के दोनों चरित्रों पर विस्तृत रुप से प्रकाश डाला और व्याख्या की । आज आराधकों ने नवपद आराधना ओलीजी के द्वितीय नमो सिद्धाणं पद की आराधना की । इस पद के 8 गुण होते है इसका वर्ण लाल रंग का होता है । धर्म से लोकिक और आध्यात्मिक दोनों ही सुखों की प्राप्ति होती है । व्यक्ति के जीवन में नवकार का जाप, आयंबिल का तप और संयम की भावना रखना बहुत जरुरी है ।

धर्म से लोकिक ओर आध्यात्मिक सुखों की प्राप्ति सम्भव: मुनि रजतचन्द्रविजय

श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के तत्वाधान में व दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पावनतम निश्रा में श्रीपाल राजा और मयणासुन्दरी द्वारा आधारित सर्वकष्ट निवारक आत्म शांति दायक आसोज माह की शाश्वत नवपद ओलीजी आराधना का आयोजन टाण्डा निवासी श्री राजेन्द्रकुमार सौभागमलजी लोढ़ा, श्रीमती मधुबेन, टीना जयसिंह लोढ़ा परिवार श्री शंखेश्वर पाश्र्व ग्रुप आॅफ कम्पनीज इन्दौर द्वारा रखा गया है । श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदत्त गाईड लाईन के अनुसार शाश्वत नवपद ओलीजी आराधना चल रही है ।


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