बारिश से बर्बाद हो गया ओपन कैप में रखा हजारों क्विंटल धान
डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - जिला मुख्यालय से अमरपुर मार्ग पर ग्राम निगवानी में ओपन कैप में रखा हजारों क्विंटल धान बारिश के चलते बर्बाद हो गया है। आलम यह है कि विभाग द्वारा धान के रखरखाव में बरती गई लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ेगा। बड़ी मात्रा में जो धान रखरखाव में लापरवाही के चलते बर्बाद हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति कैसी होगी यह भी सवाल उठ रहे हैं। विभाग के जिम्मेदार खराब होकर काला पड़ चुके धान की मिलिंग कराने की तैयारी कर रहे हैं।
खराब धान की मिलिंग कराने की तैयारीः
बताया गया कि निगरानी गोदाम के पास ओपन कैप में लगभग डेढ़ लाख क्विंटल धान रखा था। विभाग के जिम्मेदार की ही मानें तो अभी भी चार हजार क्विंटल धान की मिलिंग नहीं हो सकी है। यह धान बारिश की भेंट चढ़ गया है। ग्राम चांदपुर में बने ओपन कैप का भी यही हाल बताया जा रहे हैं। आरोप है कि यही खराब धान मिलिंग कराने के लिए मिलरों को देने की तैयारी की जा रही है। विभाग की इस पूरी लापरवाही से यही खराब धान का चावल उचित मूल्य की दुकान तक पहुंचाया जाएगा। गौरतलब है कि कुछ मिलरों द्वारा यह आरोप लंबे समय से लगाए जा रहे थे कि उन्हें घटिया स्तर का धान भी बड़ी मात्रा में मिलिंग के लिए दिया जाता है और अच्छे चावल की उम्मीद की जाती है। इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच इस पूरे घटनाक्रम की जांच की मांग उठ रही है।
गीला होने के बाद काला पड़ जाता है धानः
बताया गया कि बारिश के दौरान बड़ी मात्रा में ओपन कैप में रखा धान भीगकर गीला होता रहा और अंदर ही अंदर काला पड़ जाता है। धान की सुरक्षा के लिए कोई पहल नहीं की गई। बताया गया कि धान के सही तरीके से रखरखाव के लिए प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन राशि कागजों में खर्च करके धान की सुरक्षा के लिए कोई पहल नहीं की जाती। वर्तमान में खराब हो रहा धान जो सूख रहा है उसे यहां आवारा मवेशी भी चट कर रहे हैं।
वर्जन............
ओपन कैप में लगभग डेढ़ लाख क्विंटल धान रखा हुआ है। बारिश के चलते सैकड़ों क्विंटल धान प्रभावित हुआ है। वर्तमान में मात्र 4 हजार क्विंटल धान मिलिंग के लिए शेष रह गया है। ओपन कैप में रखी जो धान बारिश से प्रभावित हुआ है, उसे सुखाने का प्रयास किया जा रहा है। खराब धान का आगे क्या करना है, उसके बारे में वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देशन में पहल की जाएगी।
राजेश पीपरे
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