श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में द्वितीय आसोज मास की एकम को महामांगलिक का आयोजन हुआ | Shri mohankheda maha tirth main dvitiya asojas maas ki ekam ko mahamangkik ka ayojan
श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में द्वितीय आसोज मास की एकम को महामांगलिक का आयोजन हुआ
राजगढ़/धार (संतोष जैन) - दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. पाट परम्परा के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के मुखारविंद से द्वितीय आसोज मास की एकम के अवसर पर सर्व रोग शोक दुख निवारण हेतु महामांगलिक का श्रवण फेसबुक, युट्युब, डिजियाना टीवी चैनल के माध्यम से करवाया गया । मांगलिक के पूर्व अपने प्रवचन में आचार्यश्री ने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा संकटकाल कोरोनाकाल चल रहा है । ऐसा बुरा वक्त ना कभी देखने ना कभी सुनने में आया हैं । ये इतिहास का काला पन्ना लोगों को हमेशा याद आता रहेगा । शरीर स्वस्थ्य है तभी धर्म आराधना सम्भव है । शरीर धर्म आराधना का माध्यम है । हमारे शरीर में शक्ति होगी तभी हम मंदिर जा सकेगें, धर्म आराधना, तपस्या व साधना कर पायेगें । मानव ने प्रकृति के साथ मजाक किया तो प्रकृति अब अपना प्रकोप इस बिमारी के माध्यम से दिखा रही है । हम लोगों ने जंगल उजाड़ दिये एक भी पौधा लगाने का प्रयास नहीं किया और बहुमंजिला इमारते खड़ी कर ली । जिससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया । व्यक्ति को हमेशा जीने की भावना रखना चाहिये । मन में रोग का भय मत रखों क्योंकि ज्यादा नुकसान भय की वजह से हो जाता है । इसलिये जितना हो सके उतना स्वयं की सुरक्षा का प्रयास करों व इस विपरीत परिस्थिति में धर्म आराधना करते रहो- यही धर्म हमारी रक्षा करेगा ।
महामांगलिक आयोजन के लाभार्थी परम गुरुभक्त जय अम्बे डायमण्ड एवं लक्जरी डायमण्ड लास एंजिल्स अमेरिका थे ।
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