सार्वजनिक शौचालय बनाने का विरोध करना पड़ा महंगा, दो परिवारों का बहिष्कार
डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - जिले में मेहदवानी थाना क्षेत्र के सारसडोली गांव में दो परिवार पिछले तीन दिनों से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेलने को मजबूर हैं। ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव व कुछ प्रभावशाली लोगों ने चौपाल लगाकर दोनों परिवारों का हुक्का पानी बंद करने का तुगलकी फरमान सुना दिया। इतना ही नहीं प्रभावशाली लोगों के इशारे पर गांव के कोटवार ने पूरे गांव में घूम घूमकर दोनों परिवारों के सामाजिक बहिष्कार की मुनादी भी कर दी। सामाजिक बहिष्कार की मुनादी होने के बाद पीड़ित परिवार ने तमाम अधिकारियों सहित पुलिस को अपनी आप बीती भी सुनाई, लेकिन उनकी मदद करने अभी तक कोई आगे नहीं आया है। सामाजिक बहिष्कार का दंश झेलने वाले परिवार का कसूर सिर्फ इतना था कि उनके घर के पास पंचायत ने शासकीय भूमि पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कार्य शुरू किया तो इन दोनों परिवारों ने इसका विरोध किया था। बताया गया कि जिस स्थान पर शौचालय बन रहा है वहां से खेत आने-जाने का रास्ता है। पंचायत द्वारा शौचालय निर्माण के लिए जब गड्ढा खोदा गया तो पीड़ितों की फसल भी प्रभावित हुई थी। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर सामाजिक बहिष्कार तक पहुंच गया।
सामान खरीदने और बेचने पर लगेगा जुर्माना
पीड़ित परिवारों में से एक कछवाहा परिवार फुटपाथ में सब्जी बेचकर अपने परिवार का पेट पाल रहे थे और दूसरा परिवार छोटी सी चाय की दुकान लगाकर अपनी आजीविका चला रहे थे। दबंगों ने इन दोनों परिवारों पर ऐसा कहर ढाया जिसके बाद गांव की दुकानदारों ने इन दोनों परिवारों को दूध और राशन तक देने से मना कर दिया। तुगलकी फरमान में यह मुनादी कराई गई है कि इनकी दुकानों से जो सामान खरीदेगा और गांव की दुकानों से इन्हें जो सामान बेचेगा उसे पांच सौ रुपए का जुर्माना देना होगा। दबंगों के इस तुगलकी फरमान के बाद इन दोनों परिवारों को राशन मिलना बंद हो गया है इसके अलावा दबंगों ने इनके होटल मे लगे सरकारी नल कनेक्शन को भी कटवा दिया है।
3 दिनों से पीड़ितों की दुकानें बंद
केशव कछवाहा बताते हैं की पिछले तीन दिनों से उनकी दुकान बंद हैं, जिसके कारण पूरी सब्जियां खराब हो गई हैं और दुकान बंद होने के कारण आमदनी बंद हो गई है। यही हाल छोटी सी चाय दुकान चलाने वाले शिवप्रसाद साहू के परिवार का भी है।
जनपद स्तर के अधिकारी झाड़ रहे पल्ला
सामाजिक बहिष्कार की मुनादी करने वाले गांव के कोटवार बताते हैं की तमाम ग्रामवासियों की मौजूदगी में दो परिवारों के सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला लेने के बाद मुझे गांव में मुनादी करने को कहा गया था। हालांकि कोटवार विष्णु प्रसाद खुद भी सामाजिक बहिष्कार के फैसले को जायज नहीं मानते हैं। मेहंदवानी थाना पुलिस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की बात कर रही है, जबकि जनपद पंचायत व जिले के जिम्मेदार अधिकारी मामले से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
इनका कहना है
यह मामला मेरी जानकारी में है। मैंने थाना प्रभारी को कल ही आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मैं अभी पूरे मामले की जानकारी लेता हूं।
संजय सिंह, पुलिस अधीक्षक डिंडौरी
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इस मामले की अभी जांच चल रही है। मैं गांव गया था दोनों पक्षों से जानकारी ली गई है। जनपद के अधिकारियों से भी चर्चा करके आगे कार्रवाई कराई जा रही है। जिन लोगों पर सामाजिक बहिष्कार करने के आरोप लग रहे है उनको भी चिन्हित करके आगे कार्रवाई की जाएगी।
विजय गोठरिया, थाना प्रभारी मेहदवानी
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