साहब! मेरे बेटे को पागलखाने भिजवा दो
परिवार के अन्य सदस्य एवं आमजन के लिए खतरा बताते हुए जाड़ासुरंग एक लाचार पिता ने लगाई गुहार
डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - बेटे को पागलखाने भिजवा दो, ये करुण पुकार मंगलवार को जनसुनवाई में मुख्य कार्यपालन अधिकारी समनापुर के सामने एक पिता गुहार लगाने पहुंचा, लेकिन जनसुनवाई स्थगित होने के कारंण आवक जावक के माध्यम से अपनी परेशानी जाहिर की है। सुरेशदास ने बताया कि उसका बेटा रुपेश उर्फ़ राजू मानसिक संतुलन खो बैठा है। उसका समाज में खुला रहना जनजीवन के लिए घातक है इस विषय पर पिछले शनिवार को जिला कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी को भी लिखित आवेदन दिया है।
22 साल के युवक ने नशे की लत में खोया दिमागी संतुलन
समनापुर जनपद अन्तर्गत जाड़ासुरंग में 22 वर्षीय युवक ने नशे की लत में अपना दिमागी संतुलन खो दिया है नशे के शिकार हुए इस युवक ने पूर्व अपने कच्चे मकान में रखा सारा सामन भी आग के हवाले कर दिया है
युवक के असहाय पिता भी अब बेघर हो चुके हैं, न तो पंचायत प्रतिनिधि सहायता करते है और न ही कोई सामाजिक संगठन। जाड़ासुरंग के गांव के सुरेश दास रोजाना अपने बेटे की दशा सोच कर घुटता रहता है। रोज़ अपने आंखों के सामने अपने बेटे की अजीब हरकतें उसे परेशान करता हैं।
सुरेशदास का बेटा रुपेश (22) पिछले चार वर्षों से मानसिक रूप से परेशान है लम्बे समय से नशे की लत ने इसे पागल बना दिया है घर में जो भी चीज, उसे मिलती उसे आग के हवाले कर देता एवं कच्चे मकान में रखा सारा सामान आग के हवाले कर दिया है. घर की हर एक चीज राख में तब्दील हो चुकी है, सुरेशदास बेटे के मारपीट के डर से अपनी पत्नी के साथ बहन के यहां भानपुर में रह रहे है वहीं रुपेश के छोटे भाई बहन छत्तीसगढ़ में जाकर मजदूरी करने को विवश हैं। मजबूर पिता का कहना है की पूर्व में एक छोटी सी किराने की दुकान थी जिसमें भी बेटा रुपेश ने आग लगा दिया जिससे आर्थिक स्थिति और खराब हो गयी। पिता, बेटे का इलाज करवाना चाहता है, लेकिन उसके पास पैसे नहीं है कई बार पंचायत प्रतिनिधियों से सहायता भी मांगी लेकिन कोई भी काम नहीं आया।
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