नदी पर आज तक नहीं बना पुल, बाढ़ में भी पैदल नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण | Nadi pr aaj tak nhi bana pool

नदी पर आज तक नहीं बना पुल, बाढ़ में भी पैदल नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण

डिंडौरी विधायक ओमकार मरकाम सहित कलेक्टर कार्तिकेयन से सीधे शिकायत कर चुके हैं ग्राम पंचायत सरपंच मधुवन धुर्वे, लेकिन आज तक नहीं हुई कोई कार्यवाही

नदी पर आज तक नहीं बना पुल, बाढ़ में भी पैदल नदी पार करने को मजबूर ग्रामीण

डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - हाइवे, फ्लाई ओवर और मेट्रो के दौर में डिंडौरी जिले में एक ऐसा गांव भी हैं, जहां नदी पार करने के लिए आज तक पुल नहीं बना है। छोटी उफरी नामक गांव जो कि जिले का आखिरी गांव कहलाता है, जो करंजिया विकासखंड की खारीडीह ग्राम पंचायत में है। इस गांव की सीमा समाप्त होते ही छत्तीसगढ़ की सीमा शुरू हो जाती है। 

छोटी उफरी पूर्व कैबिनेट मंत्री और वर्तमान विधायक ओमकार सिंह मरकाम के विधानसभा क्षेत्र में आता है। यहां के ग्रामीणों ने ओमकार मरकाम को वोट के साथ नदी पर पुल बनवाने का आवेदन भी दिया था। ग्राम पंचायत सरपंच मधुवन धुर्वे ने विधायक के अलावा कलेक्टर बी. कार्तिकेयन को भी पुल बनवाने के लिए कई बार आवेदन दिया गया है लेकिन जिला प्रशासन से लेेकर मंत्री-विधायक तक किसी ने ग्रामीणों की समस्या पर अभी तक संज्ञान नहीं लिया। छोटी उफरी के बेबस नागरिक भारी बारिश के दिनों में हफ्तों तक अपने ही घर पर कैद रहने को मजबूर हो जाते हैं। पुल और समुचित मार्ग न होने के कारण ग्रामीणों की गंभीर बीमारी की स्थिति में गांव तक एंबुलेंस भी नहीं आ पाती। नदी पर पुल न होने का सबसे बड़ा दुष्परिणाम यह है कि अगर कोई नागरिक अपनी ओर से चाहे तो भी लाचार ग्रामीणों की मदद नहीं कर सकता। शिकायत, आवेदन और निवेदन कर-करके थक-हार चुके ग्रामीणों की कौन सुनेगा, यह सवाल पहले भी था और आज भी बरकरार है..!

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