म प्र शासन सिंगाजी पावर परियोजना को लेकर चिंतित, यूनिट नंबर चार को भी जल्द करेंगे बंद
पूरे विश्व के थर्मल पावर प्लांटों के इतिहास में
HP टरबाइन टूटने की पहली घटना भारत की सिंगाजी परियोजना मे ॥
जापानी टेक्नीकल टरबाइन डिजाइनरों के निर्देशन मे निरीक्षण हुआ शुरू ॥ कभी भी किया जा सकता है यूनिट का शट डाऊन ॥
जबलपुर से आये अधिकारी भोपाल तलब
रात के अंधेरे मे ही छोड़नी पड़ी परियोजना मामला गंभीर
प्रदेश का सबसे नवीनतम टेक्नॉलजी का पावर प्लांट लेकिन फिर भी सबसे महंगी बिजली उत्पादन
मान्धाता (सतीश गमरे) - मध्य प्रदेश के सरकारी थर्मल पावर परियोजनाओ में भारी अंधेर गर्दी का साम्राज्य संघठित होकर धड़ल्ले से चल रहा है जिसके दुष्परिणाम अब धीरे-धीरे सामने आना शुरू हो चुके है सिंगाजी परियोजना का मामला गंभीर होकर अब शासन के हाथो मे जा चुका है मुख्यालय जबलपुर से आकर यहा डेरा जमाए हुए और हमेशा मंजा सूतने वाले वरिष्ठ अधिकारियो को भोपाल तलब किया गया है वह परियोजना से सारी जानकारी लेकर रातो रात भोपाल रवाना भी हो चुके है देखना होगा की अब जवाबदार अधिकारियो को सजा मिलती भी है या नही विदित हौकी सिंगाजी थर्मल पावर परियोजना मे चार सुपर क्रिटिकल इकाइयों से 2520 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है लेकिन वर्तमान मे दो ही इकाइयों से .भरपूर संसाधन होने के बावजूद भी मात्र 670. मेगावाट बिजली उत्पादन ही लिया जा रहा है जल्द ही चार नंबर यूनिट को भी बंद कीया जाना है दो नंबर यूनिट पहले ही महीनो से बंद पड़ी है वही सूत्रो के अनुसार चार नंबर इकाई के टरबाइन से भी कुछ आवाजे आना शुरू हो चुकी है यह यूनिट भी इन्ही अधिकारियो के निर्देशन .इसी डिजाइन आफ पैरामीटर एवं इसी मटेरियल से बनी होने के कारण अब म प्र शासन आने वाले समय मे कोई भी परेशानी नही उठाना चाहता इसलिए जापानी टेक्निकल टरबाइन डिजाइनरों के निर्देशन मे यूनिट नंबर चार की भी स्टडी कराई जा रही है और यूनिट को कभी भी बंद किया जा सकता है वही थर्मल सेक्टर के अनुभवी वरिष्ठ इंजीनियरों ने बताया कि हमने आजतक HP टरबाइन की ब्लेड टूटने की घटना कभी नही सुनी यह विश्व मे पहली घटना है टरबाइन बनाने वाली नामी कम्पनियों के अनुसार टरबाइन के 1लाख घण्टो तक निरन्तर चलने बाद उसका निरीक्षण कर मात्र सफाई कराई जा सकती है यहा तो मात्र तीन हजार घंटे वो भी आधे लोड पर चलने के बाद ही टरबाइन टूट गई और विश्व रिकार्ड बन गया !
प्रदेश का सबसे नवीनतम टेक्नॉलजी का प्लांट लेकिन फिर भी सबसे महंगी बिजली उत्पादन
संत सिंगाजी पावर परियोजना की चारो इकाइयां नवीनतम टेक्नोलॉजी से निर्मित की गई हे लेकिन यहा कोयले की खपत डिजाइन से ज्यादा होने के कारण प्रदेश की सबसे महंगी बिजली बनती है जबकि प्रदेश के बीस से तीस साल पुराने प्लांटों मे कोयला खपत सिंगाजी प्लांट से 25%कम है अगर ऊर्जा सचिव संघठित भ्रष्टाचार पर अंकुश नही लगा पाए तो सिंगाजी परियोजना को आने वाले समय मे बंद ना करना पड़ जाये ॥
वर्जन
चार नंबर यूनिट की भी स्टडी की जा रही है क्योकी भविष्य मे ऐसी घटना दोबारा ना हो इसलिए इसे भी बंद किया जाना है
वी .के .कैलासिया
मुख्य अभियंता
सिंगाजी पावर परियोजना
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