मेडिकल कॉलेज के स्वशासी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए भी शासकीय कर्मचारियों के समान मेडिकल रीइंबर्समेंट की योजना लागू | Medical college ke svashasi adhikariyo evam karmchariyo ke liye

मेडिकल कॉलेज के स्वशासी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए भी शासकीय कर्मचारियों के समान मेडिकल रीइंबर्समेंट की योजना लागू 

मेडिकल कॉलेज के स्वशासी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए भी शासकीय कर्मचारियों के समान मेडिकल रीइंबर्समेंट की योजना लागू

उज्जैन (रोशन पंकज) - प्रदेश के शासकीय स्वशासी चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए राज्य शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों के समान ही मेडिकल रीइंबर्समेंट प्रदान किए जाने की स्वीकृति के आदेश जारी किए गए हैं। आदेश के लागू हो जाने से शासकीय स्वशासी मेडिकल कॉलेज के स्वशासी संस्था के अधीन नियुक्त हुए 10 हजार से अधिक डॉक्टर एवं कर्मचारी लाभान्वित होंगे ।

यह स्वीकृति चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग के दिशा-निर्देशों एवं हस्तक्षेप के बाद जारी किए गए। कोविड-19 महामारी में कार्य कर रहे स्वशासी संस्था के अधीन नियुक्त डॉक्टर्स, नर्सिंग पैरामेडिकल, टेक्नीशियन एवं अन्य स्टाफ के लिए 3 हजार प्रति वर्ष के मेडिकल रीइंबर्समेंट का प्रावधान था।  जबकि प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के लिए इलाज, उपचार एवं जांच का पूर्णरूपेण  मेडिकल रीइंबर्समेंट किए जाने का मध्यप्रदेश सिविल सेवा चिकित्सा परिचर्या नियम, 1958 का प्रावधान लागू है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग द्वारा  मेडिकल कॉलेज की स्वशासी संस्था के अधीन नियुक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संबंध में व्याप्त इस विसंगति का तत्काल संज्ञान लिया गया।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री के प्रयासों से चिकित्सा शिक्षा विभाग  के  शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालयों में कोरोना महामारी में फ्रंटलाइन योद्धा के रूप में काम करने वाले डॉक्टर एवं हेल्थ केयर वर्कर स्टाफ के लिए इस आदेश के लागू होने से मेडिकल रीइंबर्समेंट की सौगात दी गयी है।
उल्लेखनीय है कि अधिकारी एवं कर्मचारियों के विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा मेडिकल कॉलेज की स्वशासी कर्मचारियों के लिए शासन के समान ही मेडिकल रीइंबर्समेंट की योजना लागू किए जाने की मांग विगत कई वर्षों से की जा रही थी।
इसी दिशा में अगली कड़ी में मेडिकल कॉलेज में कार्य करने वाले जूनियर डॉक्टर के लिए भी कोविड-19 महामारी के दौरान संक्रमित होने पर जीवन रक्षक दवाइयों का रीइंबर्समेंट किये जाने का निर्णय लिया गया है।
चिकित्सा महाविद्यालयों के शासकीय अस्पतालों में कार्य कर रहे जूनियर डॉक्टर एक कोरोना संक्रमित होने पर उनके उपचार में लगने वाली महंगी जीवन रक्षक दवाइयों के व्यय का राज्य शासन द्वारा रीइंबर्समेंट किया जाएगा। दूरगामी नीति के रूप में जूनियर डॉक्टर एवं मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा छात्रों के लिए मेडिकल कॉलेज में उनके अध्ययन अवधि के दौरान चिकित्सा छात्र बीमा की योजना लागू की जाएगी। 
चिकित्सा छात्र बीमा योजना का स्वरूप तैयार कर इसको लागू किए जाने के संबंध में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग द्वारा निर्णय लिया गया है एवं जल्द ही इस योजना को भी लागू किया जाएगा।
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