खबर का असर, तालाब निर्माण कार्य का ठेका हुआ निरस्त, परंतु कब वसूली जाएगी बंदरबांट हुई शासकीय राशि | Khabar ka asar talab nirman kary ka theka hua nirast
खबर का असर, तालाब निर्माण कार्य का ठेका हुआ निरस्त, परंतु कब वसूली जाएगी बंदरबांट हुई शासकीय राशि
हर्रई/छिंदवाड़ा (रत्नेश डेहरिया) - निर्माण कार्य अपूर्ण होने के बावजूद संबंधित अधिकारी करते रहे बिलों का भुगतान आरईएस विभाग उपयंत्री और एसडीओ की लापरवाही से लगभग आधे करोड शासकीय रुपयों पर डला डाका, कार्यों का मूल्यांकन कर वसूली जाए पूर्ण शासकीय राशि आरईएस विभाग से बन रहे 88 लाख के तालाब में भारी गोलमाल,निर्माण कार्य अवधि पूर्ण के बाद भी अधूरा रहा मेहन्दा पंचायत के माहुलकुही का निस्तारी तलाब वर्ष2018-19 में मुख्यमंत्री की अनुशंसा पर गंभीर जल संकट से ग्रस्त मेहन्दा पंचायत के माहुलकुही ग्राम में शासकीय भूमि पर 88.64 लाख रुपए की लागत से मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजना के तहत तालाब के निर्माण कार्य की स्वीकृति कराई गई थी।वेस्ट वियर सहित समस्त तकनीकी कार्यों और पूरा तालाब निर्माण कार्य छोड़कर ठेकेदार साहब चले गए जबकि निर्माण कार्य अधूरा ही रहा, वहीं उपयंत्री और एई की लापरवाही से ठेकेदार के बिल पास पर पास होते रहे।22 सितंबर 2018 को प्रारंभ हुआ मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजना का कार्य 1 वर्ष के भीतर पूरा करना था जिसकी अवधि बीत जाने के बाद आज 2 साल हो गया लेकिन कार्य पूर्ण नहीं हो पाया पूरे कार्य अधूरे पड़े हुए हैं इससे यह प्रतीत होता है कि ठेकेदार और विभाग के बीच दाल में कुछ काला है या फिर पूरी दाल ही काली है।,बताया जा रहा है कि एक किसान ने 1 एकड़ जमीन सरकार को दान भी दी लेकिन उसी जमीन पर बन रहे तालाब में भी भ्रष्ट अधिकारियों ने शासकीय पैसों की बंदरबांट लगा दी।इस मामले में दोषी अधिकारी और ठेकेदार दोनों पर एफआईआर दर्ज कर शासकीय राशि की वसूली की जानी चाहिए एवं इनकी संपत्ति को प्रशासन द्वारा कुर्की कर देना चाहिए।,मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजना के तहत बन रहे निस्तारित तालाब निर्माण कार्य में ठेकेदार सहित एक स्थानीय व्यक्ति और दो अधिकारियों के बीच आमजनों और ग्रामीणों ने पार्टनरशिप का आरोप लगाया है, और कहा है कि इसी पार्टनरशिप के कारण शासकीय पैसों की बंदरबांट हो गई।,भले ही इस मामले में निर्माण कार्य का ठेका निरस्त किया गया हो परंतु लगभग आधे करोड़ की वसूली क्यों नहीं की जा रही,जबकि इसी आधे करोड़ रुपए पर ठेकेदार और अधिकारियों ने अपने ऐसोआराम के लिए खर्च कर दिए।
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