हृदयरोग से बचने के लिए जीवनशैली में परिवर्तन जरूरी - डॉ. गुप्ता | Hraday rog se bachne ke liye jivan shaily main parivartan jaruri

हृदयरोग से बचने के लिए जीवनशैली में परिवर्तन जरूरी - डॉ. गुप्ता

विश्व हृदय दिवस पर आयोजित वेबीनार

हृदयरोग से बचने के लिए जीवनशैली में परिवर्तन जरूरी - डॉ. गुप्ता

अलीराजपुर। (रफीक क़ुरैशी) -  विश्व हृदय दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मेडिकलविंग द्वारा दीपा की चौकी ब्रम्हाकुमारीी सभागृह मैं यूट्यूब पर ऑनलाईन वेबीनार का आयोजन किया गया। विषय था सच्ची दिल की निशानी साफ दिल, स्वच्छ और खुशहाल दिल। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे। कार्यक्रम में ग्लोबल हॉस्पीटल एण्ड ट्रामा सेन्टर माउण्ट आबू के डायरेक्टर डॉ. सतीश गुप्ता ने कहा कि हृदय रोग से बचने के लिए जीवन शैली को बदलना होगा। हृदय रोग का प्रमुख कारण तनाव, चिन्ता, उदासी और गुस्सा है। हृदय रोग का सीधा सम्बन्ध मन से है। विश्व में सबसे अधिक मौत हृदय रोग के कारण होती है। पूरे विश्व में तीस प्रतिशत लोग हृदय रोग के कारण मरते हैं। हृदयरोग एक साइकोसोमेटिक डिसीज है। उन्होंने शेर सुनाते हुए कहा कि अगर दिल खोल लिया होता यारों से तो न खोलना पड़ता औजारों से। इसलिए अपने मित्रों से, परिवार वालों से, बच्चों से दिल की बातें कहना सीखो। जो लोग हर काम में जल्दबाजी करते हैं उनको हृदय रोग का खतरा ज्यादा होता है। दिल में सच्चाई होने से हृदय स्वस्थ और खुशहाल होगा। जीबी पंत हॉस्पीटल नई दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. मोहित दयाल गुप्ता ने कहा कि हम अपने काम की तरफ ज्यादा ध्यान देते हैं और लाईफस्टाईल की ओर कम ध्यान देते हैं। हमने भौतिक साधन तो खूब जुटा लिए हैं, किन्तु जीवन से सुख और शान्ति खो गई है। हृदय रोग लाईफस्टाईल डिसआर्डर है। स्वस्थ जीवन के लिए स्वास्थ्यवर्धक भोजन, व्यायाम और मेडिटेशन इन तीनों का सन्तुलन जरूरी है। मेडिटेशन से मन में शान्ति की अनुभूति होगी सकारात्मक सोच बनेगी। इंदौर से पधारे  ब्रह्माकुमार नारायण भाई  ने कहा कि दिनों-दिन दिल की बीमारी बढ़ती जा रही है। हमारा दिल चौबीस घण्टे बिना रूके खून को शरीर के अंगों तक पहुंचाने के लिए कार्य करता है तो हमें भी उसकी सेहत का ख्याल रखना चाहिए। जितना हम सत्यता की राह पर चलते हैं उसका दिल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। किसी की बुराई अथवा अवगुण को दिल में जगह न दें। दिल को साफ रखना जरूरी है। सेवा केंद्र संचालिका ब्रम्हाकुमारी माधुरी बहन  ने कहा कि अगर आप दिल से सच्चे हैं तो हृदय स्वस्थ होगा। झूठ से शरीर में असामान्य हार्मोन्स निकलते हैं जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नही है। अधिक से अधिक फल और सलाद का सेवन करना चाहिए। वर्तमान समय कोरोना के कारण समाज में अनेक समस्याएं पैदा हो गई हैं। बेरोजगारी, भय, तनाव, कमजोर मनोबल आदि मुख्य समस्याएं हैं। मनोबल हमारा कमजोर नहीं होना चाहिए। आत्म विश्वास के बल पर हम हरेक परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं। मन को सशक्त बनाने के लिए उसे परमात्मा में एकाग्र करने की विधि राजयोग मेडिटेशन का तरीका सीखना होगा। इससे ही मन शक्तिशाली होगा, मन का प्रभाव तन पर पड़ता  है। 

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