बड़वानी \ कुष्ठ रोग साध्य है यह सभी जानते हैं। साल भर पहले जब मैं आशाग्राम आया था तब मेरी कुष्ठ रोग के कारण बुरी हालत हो गई थी किंतु आशा ग्राम ट्रस्ट आने पर मेरा कुष्ठ विभाग में उपचार करवा कर नियमित ड्रेसिंग की गई जिसका परिणाम यह हुआ कि आज मैं स्वस्थ - तंदुरुस्त होकर आशा ग्राम द्वारा प्रदत आवास में रह रहा हूं। यह कहना है पानसेमल के रहने वाले श्री आलू सिंह का।
गरीब कल्याण सप्ताह के अंतर्गत आशाग्राम में उपचारित नए कुष्ठ रोगियों की स्वास्थ्य परिचर्चा का आयोजन किया गया । जिसमें कुष्ठ रोग से मुक्त हुए पानसेमल के श्री आलू सिंह तथा पार्टी विकास खंड के श्री खुम सिंह के द्वारा अपने स्वस्थ होने की आत्मकथा सुनाई गई।
हितग्राहियों ने बताया कि हमें कुष्ठ रोग हो जाने पर परिजनों ने ऐसे तिरस्कृत किया की जैसे यह कोई गंभीर असाध्य महामारी हो। किंतु आशाग्राम में हमें संबल मिला, उपचार मिला और हम आज स्वावलंबी और स्वाभिमान का जीवन जीकर आशाग्राम में रह रहे हैं। आलू सिंह ने बताया कि अभी भी दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में कुष्ठ रोग होने पर उसे छुपाया जाता है जिसके कारण वह विकृति का रूप ले लेता है मैंने भी ऐसा ही किया था । किंतु जब बीमारी गंभीर स्वरूप लेने लगी तो घरवाले मुझे आशा ग्राम छोड़ कर चले गए तब से मैं यही रह कर निरोगी हुआ और आज समाज की मुख्यधारा में पुनः सम्मिलित हो पाया हूॅ ।
ट्रस्ट के सचिव डाॅ. शिवनारायण यादव ने बताया नए कुष्ठ रोगियों का आना तथा उपचार करा कर ठीक होना, यह हमारे यहां एक निरंतर प्रक्रिया का हिस्सा है । हम इससे भी आगे बढ़कर उपचारित लोगो का समाज में पुनः पुनर्वास के प्रयास में लगे हुये है।
Tags
badwani