ऐ भाई जरा देख के चलो, अमरपुर की खस्ताहाल सड़कें | E bhai jara dekh ke chalo

ऐ भाई जरा देख के चलो, अमरपुर की खस्ताहाल सड़कें

ऐ भाई जरा देख के चलो, अमरपुर की खस्ताहाल सड़कें

डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - ऐ भाई जरा देख के चलो…………., एक जमाने का लोकप्रिय गीत आप न चाहे तो भी आपके मुंह से निकल ही पड़ेगा, यदि आप डिंडौरी  जिले के नजदीकी अमरपुर विकासखंड मुख्यालय से डिंडोरी की ओर जा रहे हों  या फिर अमरपुर पहुंचने वाले है।
कहने को तो जिले का ऐसा एक मात्र विकासखंड मुख्यालय अमरपुर है जिसको जिला मुख्यालय से जोड़ने के चार रास्ते है किन्तु किसी भी रास्ते से सहजता से अमरपुर नहीं पहुंच सकते ,आमजन को बराबर संघर्ष करना पड़ता है। वजह है प्रशासन की अनदेखी और निर्माण एजेंसी द्वारा लापरवाही ।

ऐ भाई जरा देख के चलो, अमरपुर की खस्ताहाल सड़कें

अमरपुर से डिंडौरी के लिए सबसे कम दूरी का रास्ता चांदपुर – झिलमिला – खजरी होते हुए डिंडौरी मार्ग है, जिसे आवागमन हेतु सबसे उपयुक्त माना जाता है और सबसे अधिक इसी मार्ग से आवागमन होता है। इस मार्ग पर झिलमिला तक पैदल और दुपहिया वाहन निकालना लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है लगभग पूरा रास्ता जर्जर हो चुका है, उखड़ी हुई गिट्टियां और बड़े बड़े गढ्ढे वाहनों को चुनौती देते दिखाई देते है और ऊपर से बंद आंख, कान, मुंह की सड़क निर्माण एजेंसी जिन्हें मालूम ही नहीं की मरम्मत भी की जाती है सड़कों की कभी कभी? इस अनदेखी का नतीजा ये है कि अब इस मार्ग की मरम्मत से कुछ नहीं होने वाला सड़क के पुनः निर्माण की आवश्यकता महसूस की जा रही है। ये अलग बात है कि लोगों की जरूरत दिखा कर सरकारी विभाग कागजी खर्च दिखाकर थूका लपेटी कर मरम्मत के नाम पर कुछ और राशि डकार जाए।
यही हाल अमरपुर – भानपुर मार्ग का है जिसकी जान दिन रात ओवरलोड रेत से भरे भागते डंफरो ने ले ली और अब इस सड़क पर दो दो फुट गहरे गड्ढे हो चुके है और आम आदमी के छोटे वाहनों का निकलना यहां बहुत कठिन है पर मजबूरी में लोगों को चलना तो इन सड़कों पर पड़ता ही है, बस ये भाई जरा देख के चलो………, ऐसा ही कुछ हाल धनवासी मार्ग का भी है, जो चलने लायक तो नहीं है पर चलना पड़ता है लोगो को मजबूरी कहां जाए कैसे जाए?
अब शेष बची सक्का और समनापुर मार्ग की तो तारीफ जितनी की जाए कम है। निर्माण चल रहा है अभी इस मार्ग का और बताया जाता है इस निर्माणाधीन मार्ग का निर्माण पूर्ण भी नहीं हुआ और इसकी मरम्मत का कार्य भी होने लगा है जो बहुत ही खास बात है और इसकी गुणवत्ता और ऐसी विशेषताओं से यह बिल्कुल साफ है कि इसके भविष्य का भगवान ही मालिक है। इस सड़क की आयु कितनी होगी और इसका जीवन कितना है ये बस भगवान भरोसे ही है।

फिलहाल अमरपुर क्षेत्र की जनता आवागमन को लेकर बहुत अधिक परेशानियों का सामना कर रही है और जिस तरह की मरम्मत और सड़क निर्माण क्षेत्र में चल रहे है उनकी गुणवत्ता से तो यही लगता है कि आने वाला भविष्य भी कुछ खास अच्छा नहीं होने वाला। बस जरा देख कर चलो, सम्हल के चलो की तर्ज पर ही अपनी रक्षा खुद ही करनी होगी लोगों को। प्रशासन को परवाह है न निर्माणकर्ताओं को सब बस लगे है कागजी खानापूर्ति और कार्य प्रगति कर शासन कि राशि को जल्द से जल्द निपटाने में गुणवत्ता का कहीं किसी को कोई ख्याल ही नहीं है और खामियाजा भोगे आम जनता।
जिसका खामियाजा क्षेत्र की आम जनता को भुगतना तय माना जा रहा हैं। ऐसे भी इस क्षेत्र की आम जनता को ऐसी समस्याओं से प्रति दिन दो चार होने की आदत सी हो गई हैं। क्योंकि इस क्षेत्र से शासन और प्रशासन को सरोकार ही नहीं हैं आमजन और उसकी समस्याओं से।

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