अति प्राचीन मंदिरो की हालत जीर्ण-शीर्ण, वनवास के दौरान भगवान राम ने की थी यहां ज्योतिर्लिंग की स्थापना | Ati prachin mandiro ki halat jirn shirn

अति प्राचीन मंदिरो की हालत जीर्ण-शीर्ण, वनवास के दौरान भगवान राम ने की थी यहां ज्योतिर्लिंग की स्थापना

अति प्राचीन मंदिरो की हालत जीर्ण-शीर्ण, वनवास के दौरान भगवान राम ने की थी यहां ज्योतिर्लिंग की स्थापना

बुरहानपुर। (अमर दिवाने) शहर के नागझीरी घाट स्थित अति प्राचीन बारह ज्योतिर्लिंग के प्रतिक से पहचाने जाने वाले मंदिरो की हालत अनदेखी के चलते जीर्ण-शीर्ण व खस्ताहाल हो चुकी है। मंदिर के महाराज मुरलीधर जी ने बताया की वनवास के दौरान स्वयं भगवान रामजी ने यहा आकर रेत से बने शिवलिंग की स्थापना की थी। और एक रात नागझीरी घाट के राम झरोखे मंदिर पर लक्ष्मणजी और सीता माताजी के साथ विश्राम भी किया था। यहा स्थित मंदिरो को देवी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा दो हजार वर्ष पहले निर्माण करवाया था। जो की बारह ज्योतिर्लिंग नाम से प्रसिद्ध हुए। गेट के समीप ही पत्थर से बनी माँ ताप्ती नदी की प्रतिमा भी स्थापित है, जो हजारो वर्ष प्राचीन बताई गई है। यहा शहर को पहचान दिलाने वाले अति प्राचीन मंदिर है। किंतु ध्यान नही देने और रख रखाव के आभाव मे अब इनका अस्तित्त्व खत्म होते नज़र आ रहा है, जिससे श्रद्धालु चिंतित है। यहा शुलभ कॉम्पलेक्स का गंदा पानी मंदिरो के भीतर जा रहा है, जिससे मंदिर अपवित्र हो रहे है। लोगो की भावनाओ को ठेंस पहुच रही है, लोग आहत हो रहे है। लेकिन किसी जिम्मेदार अधिकारी या जनप्रतिनिधियो ने इस और आज तक कोई ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। 

अति प्राचीन मंदिरो की हालत जीर्ण-शीर्ण, वनवास के दौरान भगवान राम ने की थी यहां ज्योतिर्लिंग की स्थापना

स्थानीय निवासी रुपेश प्रजापति का कहना है की शहर के बिचोबीच राजघाट पर मंदिरों का निर्माण कर सौंदर्य करण एवं जीर्णोद्धार किया गया है। लेकिन नागझीरी घाट की अनदेखी की गई। प्रदीप नाईक ने बताया की मंदिरो के जीर्णोद्धार करने हेतु कई समितिया बनी और लाखो रुपए भी आये लेकिन जिम्मेदारो ने कोई कार्य नही करवाया। उन्होने कहा की मंदिरों को खस्ताहाल होता हुआ देख हम लोगों ने ही स्वयं के खर्च से कुछ मंदिरों की रिपेयरिंग करवाना शुरू की है। लेकिन रुपया कम पड़ने के कारण श्रद्धालुओं को बिच मे ही कार्य रोकना पड़ा क्योंकि इस कार्य के लिए लाखों रुपये लगना है, इसके बाद ही मंदिरों का कायाकल्प होना संभव है। जीर्ण-शीर्ण हो चुके मंदिरों को स्थानीय लोगों ने तत्काल बनाने की शासन एवं प्रशासन से मांग की है अब देखना यह है कि इस ओर जनप्रतिनिधि या अधिकारियों का कब ध्यान जाता है, या यह मंदिर इसी अवस्था में रहेंगे।



अति प्राचीन मंदिरो की हालत जीर्ण-शीर्ण, वनवास के दौरान भगवान राम ने की थी यहां ज्योतिर्लिंग की स्थापना

Post a Comment

Previous Post Next Post