पिछले दो दिनों में 4 व्यक्ति कोरोना संक्रमण से पूर्णत: स्वस्थ होकर अपने घर लौटे
नोडल डॉ.एएस तोमर ने शुभकामनाएं देकर विदा किया
(रोशन पंकज) - मक्सी रोड स्थित पुलिस ट्रेनिंग स्कूल से पिछले दो दिनों में चार व्यक्ति कोरोना संक्रमण से पूर्णत: स्वस्थ होकर अपने घर गये।
पीटीएस के नोडल डॉ.एएस तोमर ने ठीक होकर घर जा रहे लोगों से कहा कि सही समय पर इलाज मिलने से ही आज वे लोग पूर्णत: स्वस्थ हुए हैं। डॉ.तोमर ने उन्हें शुभकामनाएं दी। डॉ.तोमर ने उनसे कहा कि वे अगले 10 दिनों तक अपने घरों के अलग कमरे में रहें, भोजन में परहेज बरतें, अधिक तला-गला भोजन का सेवन न करें, हरी सब्जियां, फल और आसानी से पचने वाला भोजन डाइट में शामिल करें।
डॉ.तोमर ने लोगों से कहा कि यदि उन्हें दोबारा सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण होते हैं तो तुरन्त बिना देर किये फीवर क्लिनिक में जाकर डॉक्टर को दिखायें। आज वे स्वस्थ होकर अपने घर जा रहे हैं वे फोन के माध्यम से अपने परिजनों तथा पड़ौसियों को भी यह बतायें कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिये। वे अपने परिवार में छोटे बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। इन सावधानियों का जितना अधिक प्रचार-प्रसार होगा, उतनी ही आमजन में जागरूकता फैलेगी। इसके अलावा सभी लोग अपने मोबाइल पर सार्थक एप डाउनलोड करें। डॉ.तोमर द्वारा ठीक होकर जा रहे व्यक्ति से पीटीएस में इलाज के दौरान हुए अनुभव के बारे में पूछा गया। साथ ही उन्हें यहां किसी प्रकार की कोई समस्या तो नहीं हुई, इस बारे में भी पूछा।
इस दौरान स्टाफ द्वारा तालियां बजाकर लोगों की हौसला अफज़ाई की गई और शुभकामनाएं देकर उन्हें अपने घर के लिये रवाना किया गया। रवाना होने से पहले व्यक्ति को डॉ.वसीम खान द्वारा प्रमाण-पत्र वितरित किया गया।
इस दौरान डॉ.रोहित पराते, डॉ.कपिल चौहान, डॉ.अरविंद भटनागर, डॉ.सुखदेव कारवना, डॉ.महेन्द्र यादव, फार्मासिस्ट श्री अमित यादव, श्री ब्रजमोहन कौशल, स्टाफ नर्स प्रांजल गुप्ता, सुश्री चन्दा गरूडा, सुश्री सुमन दांगी, सुश्री पूजा सोलंकी, सुश्री गायत्री वाडिया, सुश्री कविता, सुश्री टीना अहिरवार, सुश्री प्रियंका परमार, सुश्री अनीता टांक, श्री एम्बरोज जॉर्ज, वाहन चालक श्री महेश पांचाल तथा सफाई कर्मचारी सर्वश्री अभय, भूराभाई, लाखन, राहुल, राजूबाई और लोकेश मौजूद थे।
(फोटो संलग्न)
क्रमांक 2617 एचएस शर्मा/जोशी
हम से जुड़े हुए बहुत लोग है क्या हम उनके लिए जी नहीं सकते ? : डॉ. पांखुरी वक्त
उज्जैन 11 सितम्बर। हम अपनी प्रकृति के विपरित जी रहे है, इसी कारण हम अपनी रोजमर्रा की बातों को, छोटी-छोटी बातों को तनाव बना लेते हैं। यही तनाव गहरा और गहरा हो जाता है तो हम आत्महत्या जैसा गैर कानूनी कदम उठा लेते हैं। हम से जुड़े हुए बहुत लोग है क्या हम उनके लिए जी नहीं सकते ?आत्महत्या कानूनी अपराध है, डिजिटल और सोशल साइट्स की भ्रामक दुनियां को छोड़ अपनों के बीच तनाव पर बात करना इसका उपाय है।
यह बात राज्य आनंद संस्थान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दिवसों के आयोजन की श्रृंखला में 10 सितम्बर 2020 को "विश्व आत्महत्या निषेध दिवस" पर ऑनलाइन वेबिनार में डॉ. पांखुरी वक्त ने कही। उन्होंने यह भी बताया कि, कोरोना के बाद भारत में आत्महत्याएँ बढ़ रही है। इन परिस्थितियों में राज्य आनंद संस्थान और सभी आनंदकों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।
संस्थान के सीईओ अखिलेश अर्गल भोपाल से ऑनलाइन उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि, व्यक्ति मस्तिष्क मे व्याप्त अवसाद, दुख, चिंता, हताशा, पीड़ा, हीन भावना, निराशा, अनियंत्रित क्रोध, नशे की प्रवृत्ति, संवादहीनता की स्थिति से व्यक्ति को बाहर निकालने का प्रयास राज्य आनंद संस्थान निरंतर कर रहा है।
उज्जैन आनंद विभाग प्रभारी पी.एल.डाबरे ने बताया कि जिले में सक्रिय आनंदकों द्वारा इसी दिशा में सकारात्मक काम किए जा रहे है।
जिला संपर्क व्यक्ति डॉ. प्रवीण जोशी ने कहा कि, यह एक मनोवैज्ञानिक तथ्य है । आत्महत्या का विचार एक तात्कालिक संकट है और ऐसा प्रायः देख गया है कि सही समय पर मदद मिलने से इसे टाला जा सकता है। प्रायः घरेलू परेशानियों से त्रस्त गृहिणियां, लंबी बीमारी से तंग आए हुए रोगी, बेरोजगार, किसान, विद्यार्थी, बंदीगृह में बंदी, दिवालिया हो जाने वाले लोग, प्रेम में असफल होने पर युवा, नशे की लत, निर्धन, बेरोजगार, किसान, कोरोना पीड़ित इत्यादि आत्महत्या करने पर विवश पाए जा रहे हैं। इनको हताशा व अवसाद की मनःस्थिति से निकालने के लिए अपनों के बीच रहना और निरंतर संवाद करते रहना जरूरी है।
इस ऑनलाइन वेबिनार में जिले के आंनदकों के साथ प्रतियोगिता परीक्षा के विद्यार्थियों और खेल की तैयारी कर रहे खिलाड़ियों ने भी सहभागिता की।
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