विक्रम विश्वविद्यालय को ऊंचाईयों तक ले जाने का प्रयास किया जायेगा | Vikram vishvavidyalay ko uchai tak le jane ka prayas

विक्रम विश्वविद्यालय को ऊंचाईयों तक ले जाने का प्रयास किया जायेगा

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव ने समीक्षा बैठक ली

विक्रम विश्वविद्यालय को ऊंचाईयों तक ले जाने का प्रयास किया जायेगा

उज्जैन (रोशन पंकज) - उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने विक्रम विश्वविद्यालय के शलाका दीर्घा सभाकक्ष में संकायाध्यक्षों, प्रोफेसरों, शिक्षकों आदि की बैठक लेकर कहा कि हम सब संकल्प लें कि विक्रम विश्वविद्यालय को ऊंचाईयों तक ले जाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय को सेन्ट्रल विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने का प्रयास किया जायेगा जैसे कि सागर विश्वविद्यालय हुआ है। डॉ.यादव ने कहा कि चुनौती में ही अवसर मिलते हैं। आने वाले समय में विश्वविद्यालय में नये-नये कोर्सेस को शामिल कर नई पीढ़ी को रोजगार पाने के लिये शिक्षा उपलब्ध कराये जाने का प्रयास किया जायेगा। वर्तमान व्यवस्थाओं के साथ-साथ केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति में और नये आयाम जुड़ेंगे। इन्हीं संकल्पनाओं के साथ विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा। डॉ.यादव ने कहा कि आगे विक्रम विश्वविद्यालय से जुड़े समस्त शासकीय कॉलेजों के प्रोफेसरों, संकायाध्यक्ष आदि को आमंत्रित कर विश्वविद्यालय में और क्या बेहतर हो सकता है, इस प्रकार के सुझाव आमंत्रित किये जायेंगे।


उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बदलाव आने वाला है। विक्रम विश्वविद्यालय में और क्या बेहतर किया जा सकता है, वह करने का प्रयास किया जायेगा। विक्रम विश्वविद्यालय प्रदेश में ही नहीं हमारे देश में प्रथम श्रेणी पर रहे, इस हेतु प्रयास किया जायेगा।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बालकृष्ण शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय के विकास एवं उन्नति के लिये हम सबको मिलकर सदैव प्रयास कर ऊंचाईयों तक पहुंचाने का कार्य करेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री की भावनाओं के अनुरूप नये पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय में लाने का प्रयास किया जायेगा, ताकि छात्रों को नये कोर्सेस की शिक्षा दी जा सके। विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ.डीके बग्गा ने इस अवसर पर अवगत कराया कि विद्या सम्बन्धी योजना एवं मूल्यांकन बोर्ड की गत दिनों हुई बैठक का कार्य विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में 10 नवीन पाठ्यक्रम एमएससी डाटा साइंस, एमएससी एआई एण्ड मशीन लर्निंग, एमएससी इंफार्मेशन सिक्योरिटी, एमएससी इंफार्मेशन टेक्नालॉजी, बीसीए ऑनर्स, बीएससी ऑनर्स, पीजीडीसीए डाटा साइंस, पीजीडीसीए एआई एण्ड मैकेनिकल लर्निंग, पीजीसीए वेब डेवलपमेंट एण्ड सॉफ्टवेयर टेस्टिंग, पीजीडीसीए रहेंगे। इसी प्रकार एमए समाजशास्त्र सीबीसीएस एवं समाजशास्त्र अध्ययनशाला में ही डिप्लोमा इन गाईडेंस एण्ड काउंसलिंग नवीन पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये जायेंगे।

बैठक में विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.रामराजेश मिश्र ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत जो संकल्पना की जा रही है, वह प्रशंसनीय है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव की भी यही संकल्पना और नया कुछ करने की हमेशा जो सोच है, वह विश्वविद्यालय में सार्थक होगी। शिक्षा नीति में क्लस्टर होना चाहिये और यह छोटी बात नहीं है। शिक्षा नीति में जो प्रयास किया जायेगा, उसमें विक्रम विश्वविद्यालय को भी चिह्नित कराया जाये, ताकि उज्जयिनी का नाम शिक्षा के क्षेत्र में गौरवान्वित हो सके। प्रो.मिश्र ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव की जो परिकल्पना डोंगला वेधशाला में शोध करने की है, उसमें विश्वविद्यालय को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, वह प्रशंसनीय है। बैठक में बरकतुल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के पूर्व कुलपति प्रो.डीके वर्मा ने कहा कि उज्जैन में शुरू से ही शिक्षा ग्रहण करने की पद्धति रही है, इसलिये उज्जयिनी के अन्य विषयों के साथ-साथ शिप्रा नदी से सम्बन्धित शोध पर भी विक्रम विश्वविद्यालय में जोड़ा जाकर कार्य करने की जरूरत है। बैठक में डॉ.आरके अहिरवार, श्री कमल जोशी, डॉ.सत्येंद्र कुमार मिश्रा आदि ने भी सुझाव दिये।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने बैठक में विक्रम विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी के 150वे जयन्ती वर्ष को व्यापक सहभागिता के साथ स्मरणीय बनाने के लिये कुलपति प्रो.बालकृष्ण शर्मा के मार्गदर्शन में लगभग 100 दिवस की विस्तृत और समावेशी कार्य योजना तैयार कर ‘महात्मा गांधी विचार और नवाचार’ पुस्तिका का विमोचन किया। विमोचन के पूर्व आचार्य एवं हिन्दी अध्ययनशाला विभागाध्यक्ष के कुलानुशासक प्रो.शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि ‘महात्मा गांधी विचार और नवाचार’ प्रकाशित पुस्तक में गांधी के जीवन, कार्यों और विचारों में अन्तर्निहित को ध्यान में रखते हुए कला, साहित्य एवं भाषाओं, समाज विज्ञानों एवं विविध भौतिक एवं जीवन विज्ञानों के शिक्षकों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है। बैठक के प्रारम्भ में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव का विक्रम विश्वविद्यालय के श्रेष्ठ गुरूजनों के द्वारा आत्मीय स्वागत किया तथा विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.शर्मा एवं कुल सचिव डॉ.बग्गा ने शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन कुलानुशासक प्रो.शैलेंद्र कुमार शर्मा ने किया और आभार डॉ.सत्येंद्र कुमार मिश्रा ने प्रकट किया।

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