संक्रमण काल में सार्वजनिक रुप से नहीं की गई गणेश स्थापना, घरों पर ही हो रही आराधना
डिंडौरी (पप्पू पड़वार) - कोरोना संक्रमण काल के बीच समनापुर जनपद मुख्यालय में पहली बार ऐसा मौका देखने को मिल रहा, जिसमें भगवान श्री गणेश की स्थापना सार्वजनिक रुप से नहीं की गई है और चौक चौराहों पर लगने वाले झांकी व पांडाल भी नजर नहीं आ रहे। ऐसी स्थिति में भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना घरों में रहकर ही श्रद्धालुओं के द्वारा की जा रही है।
शनिवार को भगवान श्री गणेश चतुर्थी के मौके पर अनेकों घर में भगवान श्री गणेश की स्थापना की गयी। लगातार 11 दिनों तक घरों में पूजा अर्चना का दौर चलेगा, लेकिन सार्वजनिक रुप से लगने वाली झांकियां कहीं पर भी नजर नहीं आएगी। विगत कई वर्षों से समनापुर में जिन समितियों के द्वारा उत्साह के साथ एक पखवाड़े पूर्व से गणेश उत्सव की तैयारियां की जाती थी, वहां पर अब उत्साह नहीं दिखाई दे रहा। कई समितियों के सदस्यों का मानना है कि 11 दिन की उपासना जिस हर्षोल्लास के साथ वह सार्वजनिक रुप से करते आ रहे हैं। इस वर्ष भगवान की भक्ति से उन्हें अपने अपने घरों में रहकर कर रहे हैं । प्रशासन के द्वारा पूर्व से ही निर्देश जारी किए जाने के चलते गणेश उत्सव के 1 दिन पूर्व शुक्रवार बाजार के दिन दिखाई देने वाली भीड़ भी नदारद सी नजर आई।
मूर्तियों के कारोबार पर संक्रमण का ग्रहण
गणेशोत्सव व दुर्गोत्सव के अवसर पर दिन रात मेहनत कर वर्ष भर के लिए पूंजी जुटाने वाले समनापुर के मूर्तिकारों के कारोबार पर कोरोना का ग्रहण लग गया है। प्रशासन से सार्वजनिक स्थल पर प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति नहीं है। जिसके चलते इस वर्ष बड़ी प्रतिमाएं तैयार नहीं की जा सकी है। प्रतिवर्ष हजारों का कारोबार करने वाले मृर्तिकारों के सामने इस बार पूंजी लौटने का संकट आन खड़ा हुआ है। कई मृर्तिकार तो ऐसे हैं जिन्होने इस बार प्रतिमा बनाने का काम ही प्रारंभ नहीं किया है। समनापुर मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित करने के लिए छोटी-छोटी प्रतिमाएं बनाई गयीं है। लेकिन समाचार लिखे जाने आधे से अधिक मूर्तियां ,मूर्तिकारों के पंडालों में रखे हुए हैं।
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