राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित, अम्लपित्त रोग पर विशेषज्ञों ने साझा किये अनुभव | Rashtriya webinar ayojit amlpitt rog pr visheshgyo ne sajha kiye anubhav

राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित, अम्लपित्त रोग पर विशेषज्ञों ने साझा किये अनुभव 

राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित, अम्लपित्त रोग पर विशेषज्ञों ने साझा किये अनुभव

बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - राष्ट्रीय वेबिनार अम्लपित्त रोग पर पंडित शिवनाथ शास्त्री शासकीय स्वशायी आयुर्वेदिक महाविद्यालय में प्रधानाचार्य डॉ.रश्मि रेखा मिश्रा की उपस्थिति में आयोजित किया। इसमें मुख्य अतिथि राम किशोर कांवरे राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आयुष विभाग मध्य प्रदेश शासन भोपाल तथा डॉ.एम.के. अग्रवाल सचिव सहआयुक्त आयुष विभाग विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उक्त वेबिनार में विषय विशेषज्ञ डॉ.एम.एस.बघेल भूतपूर्व कुलपति गुजरात आर्युवेदिक विश्वविद्यालय एवं डॉ.जी.एस. तोमर भूतपूर्व प्रधानाचार्य शासकीय आर्युवेद महाविद्यालय हडिया द्वारा अम्लपित्त रोग एवं उनसे चिकित्सा के विषय में अपने अनुभव साझा किये। 

वेबिनार में मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्य जैसें-दिल्ली, गुजरात, केरल, कनार्टक, उड़ीसा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, सीसीआरएएस के अधिकारीगण के लगभग 516 शिक्षक संवर्ग एवं स्नातक-स्नाताकोत्तर के छात्र-छात्राओं ने सक्रिय से रूप सहभागिता कर लाभान्वित हुए। इस वेबिनार मे राम किशोर कांवरे द्वारा आयुर्वेद में बताये गये ऋतु अनुसार दिनचर्या अपनाकर आधुनिक जीवन शैली से उत्पन्न होने वाले रोग से निदान के बारे में अपने अनुभव रखे तथा आर्युवेदिक औषधियों का घर-घर रसोईयो तक पहुंचाकर आम जनमानस को इससे लाभ दिलाने की बात कही।  

आयुक्त आयुष विभाग द्वारा आमजनता के आयुष विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यो की जानकारी दी तथा अपने संबोधन में लाईफ स्टाईल को सुदृढ़ करने हेतु आवश्यक कदम जैसे-सुबह जल्दी उठाना, रात्रि में समय पर सोना एवं शुद्ध शाकाहारी भोजन का सेवन करके अम्लपित्त जैसी व्याधियों से दूर रहा जा सकता है। 

अत्यंत अनुभवी विषय विशेषज्ञों द्वारा अम्लपित्त रोग (एसीडिटी) को दिनचर्या एवं पुरातन संस्कृति का पालन कर ठीक किया जा सकता है जैसें-योगाभ्यास, समय पर भोजन जिसमें ऋतु अनुसार साधा भोजन साथ ही उपयुक्त नींद के साथ सूर्योदय से पूर्व उठना, मानसिक चिंता को दूर करने पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। रोगी के अम्लपित्त रोग का उचित कारण एवं तत्पश्चात उसकी चिकित्सा पर जोर दिया गया। स्थानीय महाविद्यालय में डॉ.शिवशंकर शुक्ला एवं डॉ.सुरेश कांग द्वारा वेबिनार का संचालन किया तथा डॉ.रजनी चंद्रे व सूरज खोदरे का योगदान रहा। डॉ.तरणीकांत मोहते ने समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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