नाबालिग के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी की जमानत हुई खारिज | Nabalig ke sath dushkratya karbe wale aropi ki jamanat
नाबालिग के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी की जमानत हुई खारिज
इंदौर। जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्यायालय श्रीमती सविता सिंह अपर सत्र न्यायाधीश इंदौर के समक्ष थाना एमआईजी के अप.क्र.55/2020 धारा 363, 376, 376(2)(i), 506 भादवि एवं धारा 5i/6 पॉक्सो एक्ट में जेल में निरूद्ध आरोपीगण भूपेन्द्र राजपूत निवासी विजय नगर मेदांता हास्पिटल के पास इंदौर एवं कैलाश पिता रमेश विजयवर्गीय निवासी खजराना एमआईजी कॉलोनी इंदौर मे से आरोपी कैलाश द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया और जमानत पर छोडे जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती सुशीला राठौर द्वारा जमानत आवेदन का विरोध करते हुए तर्क रखे गए कि यदि आरोपी को छोडा गया तो वह पुन: अपराध करेगा। फरियादी एवं साक्षियों को डरायेगा, धमकायेगा तथा आरोपी के फरार होने की संभावना है। अपराध गंभीर प्रकृति का है अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत आवेदन निरस्त किया जाना चाहिए। न्यायालय द्वारा तर्को से सहमत होते हुए आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।
अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादिया ने थाने आकर सूचना दी कि दिनांक 28.01.2020 को मेरी मां ने आईब्रो बनवाने की बात पर से मुझे डांट दिया था उसकी बात का बुरा मानकर 02:30 बजे मैं मेडिकल की दुकान पर काम करने वाले परिचित भूपेन्द्र सिंह राजपूत के पास गई और उससे कहां कि मेरी मम्मी हमेशा मुझे डांटती रहती है, तो उसने मुझसे कहां कि पहले तू मेरे घर चल फिर में कही तुझे काम पर लगवा दूंगा। मैं उसकी बातो में आकर उसके साथ उसके किराये के रूम पर विजय नगर मेदांता हास्पिटल के पास चली गई थी। जहां उसने मुझे अपने पास रखा और दिनांक 29.01.2020 को दोपहर करीब 03:30 बजे मेरे साथ जबरदस्ती करने लगा। मैने उसको मना किया तो उसने कहां कि तुझे अच्छी जगह काम पर लगवा दूंगा और मेरे मना करने पर भी मेरे साथ गलत काम किया तो मैं रोने लगी। मैंने उससे बोला कि तुम मुझे मेरी मम्मी के पास छोड दो तो वह बोला कि तू यह बात किसी को बताना मत, नही तो तुझको कही का नही छोडूंगा। तो मैंने उससे कहां कि मैं किसी को कुछ नही बताउंगी। मुझे फोन करके मेरे अंकल को बुला लेने दो तो उसने मुझे अपना फोन दे दिया जिससे मैने अपने परिचित अंकल कैलाश विजयवर्गीय के नंबर पर कॉल किया और मैने कैलाश अंकल को मेदांता हास्पिटल के पास बुलाया। करीब आधे घंटे बाद वह अपनी सफेद व लाल रंग मेस्ट्रो स्कूटी से लेने आएं। मैने अंकल को मम्मी से गुस्सा होने वाली बात बताई, तो अंकल मुझसे बोले कि मैं तुम्हारी मम्मी को समझा दूंगा, तो कैलाश अंकल मुझे मेरे घर ना ले जाते हुए महक वाटिका के पास किसी रूम पर ले गए और मुझसे कहने लगे कि तेरी मम्मी ने मुझसे पैसे लिए है जिसकी कीमत तुझे चुकाना पडेगी और अंकल मेरे साथ जबरदस्ती करने लगे। मैं चिल्लाने लगी तो मेरा मुंह दबा दिया और मेरी गर्दन पर अपने दांतो से काटने लगे और नोंचने लगे जिससे मुझे गर्दन पर चेाट आयी और कहने लगे कि चुपचाप मेरी बात मान ले वरना तुझे और तेरे परिवार वालों को जान से खत्म कर दूंगा। मेरे साथ मेरी मर्जी के बिना गलत काम किया तो मैं रोने लगी तो अंकल कहने लगे कि मैं तुझे तेरी मम्मी के पास छोड दूंगा, अगर तू कुछ बोली तो तुझे जान से खत्म कर दूंगा, उसके बाद उन्होंने मुझे रसोमा चौराहे पर छोड कर चले गए। मैं अकेले पैदल-पैदल अपने घर गई और सारी बात मम्मी और मौसी और पापा को बताई उनके साथ रिपोर्ट करने आयी हूं कार्यवाही की जाएं। उक्त घटना की रिपोर्ट पर से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।
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