जिन किसानों ने टिश्यू कल्चर के पौधे लगाए उन्हीं की केली खराब हुई: सांसद | Jin kisano ne tissue culture ke podhe lagaye unhi ki keli kharab hui

जिन किसानों ने टिश्यू कल्चर के पौधे लगाए उन्हीं की केली खराब हुई: सांसद

कलेक्टर, वैज्ञानिक और कृषि अफसरों के साथ की बैठक, वायरस कहां से फैला इसकी लैब में होगी जांच

जिन किसानों ने टिश्यू कल्चर के पौधे लगाए उन्हीं की केली खराब हुई: सांसद

बुरहानपुर। (अमर दिवाने) - जिले में करीब 20 हजार हेक्टेयर में केला लगाया गया है। इस वर्ष केले में सीएमवी वायरस लगा है। यह सब्जी प्रजाति पर लगने वाला वायरस है, लेकिन इसी के साथ केले पर भी आता है। इसके कारण इस बार जो नई केली लगी है उसमें बडी मात्रा में अनेक किसानों के खेत इस वायरस की बीमारी से प्रभावित हुए हैं। इसे लेकर आज बैठक हुई है। ताकि कुछ सार्थक पहल और प्रयास हो। एग्रीकल्चर कॉलेज खंडवा के वैज्ञानिकों को भी आज कलेक्टर के साथ हुई बैठक में बुलाया गया था। कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक भी मौजूद थे। अभी वैज्ञानिक सर्वे के लिए गए हैं। ताकि यह सुनिश्चित हो कि बीमारी फैली कहां से है। इसलिए इसके सैम्पल कृषि अनुसंधान परिषद के लैब में भी भेजे जाएंगे।

यह बात सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने सोमवार को निजी होटल में आयोजित पत्रकारवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि यह बीमारी टिश्यू कल्चर के पौधे जिन्होंने लगाए हैं उनकी केली ही इससे प्रभावित हुई है। जिन्होंने दूरी लगाई वहां भी इसका प्रभाव देखा जा रहा है। यह पिछले साल भी आया था। जिन्होंने नए पौधे खरीदकर लगाए हैं उसमें भी यह देखा जा रहा है। ट्श्यिू कल्चर के पौधे जिस लैब में बढते हैं उस लेबोरेटरी से पौधे के साथ ही यह वायरस किसानों के खेतों तक पहुंचा है। बुरहानपुर में 95 प्रतिशत टिश्यू कल्चर जयंत एरिगेशन बनाता है। इस पर गहराई से जांच की जा रही है। किसानों को कहां से लाभ मिल सकता है उस दिशा में प्रशासन, शासन अपने स्तर पर प्रयत्न करेगा। अभी पीएम फसल बीमा में जो केले का बीमा होता है। आज की तारीख तक उसके टेंडर नहीं डले। दो बार टेंडर डले लेकिन प्रतिभागी नहीं आए। इसलिए आगे और तारीख बढने की संभावना है। केले में बीमारी से हानि पर 12 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर सहायता देने का प्रावधान है लेकिन यह पर्याप्त नही है। आरबीसी में जो प्राकृतिक आपदा से नुकसान होता है उस प्राकृतिक आपदा में यह बीमारी शामिल नहीं है। इसके लिए भी हम जद्दोजहद करेंगे। आगामी समय में पीएम फसल बीमा का लाभ टेंडर होने के बाद किसानों को दिलाया जाएगा। जो कंपनी से यह टिश्यू कल्चर किसानों ने लिया है 14 रूपए पौधा। वहां से वह 20-25 साल से पौधा ले रहे हैं। पिछले साल यह बीमारी छोटे रूप में आई थी। उसी की दूरी जिसने लगाई वहां ताकत से फैल गया। इस साल जैन एरिगेशन से लाए हैं वहां भी फैला है। रेवा कंपनी बडवानी से भी पौधे लिए है। जहां से भी यह वायरस फैला है उसकी जांच की जाएगी। अगर तीनों जगह यह बीमारी है तो इसे प्राकृतिक माना जाएगा, लेकिन अगर कहीं एक जैन कंपनी के लैब से ही बीमारी है हम उसे ही जिम्मेदार मानेंगे। अगर दूसरी जगह बीमारी नहीं मिली तो कंपनी से किसानों को कैसे राहत दिला सकते है उसके लिए भी आग्रह करेंगे।

2018-19 में मौसम आधारित प्रधानमंत्री फसल योजना में हमने 110 तथा 2017 में 10 करोड इस तरह 120 करोड दिलाए हैं। यह पैसा भी अटक गया था। क्योंकि इसमें तीन लोग प्रीमियम भरते हैं केंद्र, किसान और प्रदेश सरकार। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस प्रीमियम की राशि नहीं भरी थी। इस मामले को लोकसभा में उठाया था। भाजपा की सरकार बनने पर हमने प्रीमियम की राशि भरी। यहां का किसान मेहनती है। जनप्रतिनिधि होने के नाते प्रयत्न कर रहा हूं। नासिक से बिहार तक ट्रेन चालू करवाई है। सब्जी और कपडे की गठानें जा रही है। एक ऐसी ही गुड्स ट्रेन किसानों के उत्पादन, कपडे के लिए पुणे से गोरखपुर चलेगी। उसका 10 मिनट का स्टापेज बुरहानपुर में रहेगा। 

इस दौरान पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटिल, पूर्व महापौर अनिल भोसले, दिलीप श्रॉफ, प्रदीप जाधव, गोविंदा महाजन, योगेश्वर पाटिल, नरेन्द्र शिंदे, जयंती नवलखे आदि मौजूद थे।

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