डायग्नोस्टिक दल के द्वारा विभिन्न ग्रामों में सोयाबीन फसलों का निरीक्षण कर उचित मार्गदर्शन दिया | Diagnostic dal ke dvara vibhinn gramo main soyabean faslo ka nirikshan
डायग्नोस्टिक दल के द्वारा विभिन्न ग्रामों में सोयाबीन फसलों का निरीक्षण कर उचित मार्गदर्शन दिया
उज्जैन (रोशन पंकज) - खरीफ वर्ष 2020 में फसलों की स्थिति, कीटव्याधि प्रकोप का निरीक्षण एवं नियंत्रण तथा कृषकों को तकनीकी मार्गदर्शन के लिये जिले में डायग्नोस्टिक दल का गठन किया गया है। दल में भारतीय अनुसंधान संस्थान इन्दौर के कृषि वैज्ञानिक तथा किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के अधिकारी शामिल हैं। डायग्नोस्टिक दल के द्वारा शुक्रवार 28 अगस्त को जिले के विभिन्न ग्रामों का भ्रमण कर सोयाबीन फसलों का निरीक्षण कर उपस्थित किसानों को फसलों में लग रही बीमारियों एवं कीट नियंत्रण की सलाह देकर उचित मार्गदर्शन दिया।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के सहायक संचालक श्री कमलेश राठौर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि डायग्नोस्टिक दल में भारतीय अनुसंधान संस्थान इन्दौर के डॉ.लक्ष्मण राजपूत, डॉ.लोकेश मीणा, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ.एसके कौशिक ने संयुक्त रूप से उज्जैन विकास खण्ड के ग्राम धतरावदा, दुदरसी, सुरजनवासा, बाढ़कुमेद का भ्रमण कर किसानों की फसलों का 27 अगस्त को निरीक्षण किया। इसके बाद अगले दिन 28 अगस्त को वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.आरपी शर्मा, डॉ.एसके कौशिक, सहायक संचालक कृषि श्री कमलेश राठौर एवं खाचरौद के कृषि अनुविभागीय अधिकारी श्री केसी व्यास ने खाचरौद विकास खण्ड के ग्राम उन्हेल, हताई पालकी, नागदा, भीकमपुर, मड़ावदा, बड़ागांव, संदला, कुम्हारवाड़ी एवं विकास खण्ड बड़नगर के ग्राम चिरोलीकला, सलवा, खरसोदकला, बालोदाकोरन, सुन्दराबाद, बालोदालक्खा, जस्साखेड़ी, ऊंटवास, राजोटा, खरसोद, भैंसलाखुर्द, धुरेरी, सरसाना आदि का भ्रमण कर सोयाबीन फसलों का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने किसानों को सलाह दी कि फसलों में लग रही बीमारी एवं कीट नियंत्रण के लिये फफूंदनाशक एवं कीटनाशक का स्प्रे करें।
दल में शामिल अधिकारियों ने किसानों को सलाह देते हुए कहा है कि सोयाबीन की फसल में एंथ्रेकनोज, यलो मोजेक एवं कहीं कहीं पर राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाईट नामक बीमारियां होने पर फफूंदनाशक टेबूकोनाझोल (625 मि.ली./हे.) अथवा टेबूकोनाझोल+सल्फर (1 कि.ग्रा./हे.) अथवा पायरोक्लोस्ट्रोबीन 20 डब्ल्यू.जी. (500 ग्रा./हे.) अथवा हेक्जाकोनाझोल 5 प्रतिशत ई.सी. (800 मि.ली./हे.) से स्प्रे किया जाये। कहीं-कहीं सोयाबीन की फसल में सफेद मक्खी, तना मक्खी एवं सेमीलुपर नामक कीट का प्रकोप होने पर किसान बीटासाइलोथ्रिन+इमिडाक्लोप्रिड 350 मिली या थयोमिथाक्जम+लैंमड़ासायहैलोथ्रिन को 500 लीटर पानी के साथ स्प्रे किया जाये।
Comments
Post a Comment