कलेक्टर के आश्वासन के बाद किसान माने | Collector ke ashvasan ke baad mane

कलेक्टर के आश्वासन के बाद किसान माने

कलेक्टर के आश्वासन के बाद किसान माने

झाबुआ (अली असगर बोहरा) - प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले की पेटलावद तहसील के सैकडों किसान हाथों में तिरंगा और सोयाबीन की फसले लेकर 60 किलो मिटर की पैदल यात्रा कर झाबुआ जिला कलेक्टर कार्यालय पहूंचे और कलेक्टरकार्यालय पर धरने पर बैठ गये किसानों ने बताया की उनकी फसले जिनमेसोयाबिन, टमाटर, मिर्चि आदि की है वे खराब हो गई है तथा उनका कोई भी कृषि अधिकारी, पटवारी या राजस्व अधिकारी ने कई बार कहने के बावजूद निरीक्षण नहीं किया है। उन्हे फसलों का उचित बिमा भी नहीं मिल पा रहा है इन्ही मांगों को लेकर किसान आक्रोशित नजर आये उन्होने स्थानिय विधायक वालसिंह मेडा के प्रति भी आक्रोश जताया। किसानों के उग्र प्रदर्षन को देखते हुए जिलाकलेक्टर पर पुलिस का भारी इंतजाम किया गया कलैक्टर रोहित सिंह जिले के भ्रमण पर थे जैसे ही उन्हे सूचना मिली वे तत्काल अपनाभ्रमण बिच में ही छोड कर वापस कलेक्टर कार्यालय पहूंचे और किसानों से मिलेकलेक्टर हाल ही में जिले में पदस्थ हुए है युवा और जोशीले है उनसे मिलकरकिसानों ने उन्हे ज्ञापन सौंपा और अपनी फसलों को लेकर आप बिति बताई जिस पर सेकलेक्टर रोहित सिंह ने सूझबूझ से नम्रता पूर्वक किसानों की बातों को ध्यानसे सुना और उसके तत्काल निराकरण कराने का आश्वासन दिया और किसानों कोसमझाया की कोरोना संक्रमण समय में अपना ध्यान रखे और जिले के तमाम आलाअधिकारी क्षेत्र मेें भेजे जाकर फसलों का सूक्ष्म निरीक्षण कराकर किसानों के साथन्याय किया जावेगा। क्षेत्र के विधायक वालसिंग मेडा ने भी किसानों की मांगों कासमर्थन किया। कलेक्टर की बातों से संतुष्ट होकर किसानों ने अपना धरना खत्म किया और वे वापस अपने घरों को लौट गये। झाबुआ जिले में कई चुनौतियां है और जिनका सामना रोहितसिंह जैसे युवा कलेक्टर को करना पडेगा झाबुआ जिला एक चुनौती वाला जिला है।

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