रोज टूट रहा रोजगार का सपना वापस जाने को मजबूर श्रमिक | Roz toot rha rojgar ka sapna wapas jane ko majbur shramik

रोज टूट रहा रोजगार का सपना वापस जाने को मजबूर श्रमिक 

पोर्टल में हजारों का पंजीयन गिनती के लोगों को मिला रोजी-रोटी का जरिया 

रोज टूट रहा रोजगार का सपना वापस जाने को मजबूर श्रमिक

जबलपुर (संतोष जैन) - कोरोना संक्रमण की वजह से लागू लॉक डाउन के दौरान जबलपुर निवासी राम मोहन अहमदाबाद से वापस घर आ गए वह इंडस्ट्री में काम करते थे वे प्रवासी श्रमिक बनकर जबलपुर लौटे कुछ दिन तो जैसे-तैसे चल गई फिर काम  की तलाश स्थानीय स्तर पर शुरू की रोजगार सेतु पोर्टल पर पंजीयन कराया लेकिन काम नहीं मिला आखिरकार वे वापस  चले गये उनके जैसे कई  श्रमिक जो वापस जाने मजबूर है रोजगार नहीं मिलने से परिवार संकट में आ गया है लॉक डाउन के समय प्रवासी श्रमिकों की खूब आवभगत हुई और उन्हें रोजगार देने की सपने दिखाए लेकिन वह पूरे नहीं हुए ज्यादातर असंगठित क्षेत्र कारखाना उद्योग और  अन्य निर्माण कार्यो से जुड़े थे इन श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने के प्रयास में लॉकडाउन के समय इस काम में तेजी दिखाई गई लेकिन अब तक नियोक्ताओं के पंजीयन खूब हुए करीब 1000 युक्तापंजीकृत हुए लेकिन मात्र 409 श्रमिकों को नियुक्तियां मिल पाई है

 लॉकडाउन के दौरान दूसरे प्रदेशों से आए प्रवासी श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने का प्रयास किया गया था और अधिक लोगों को रोजगार मिल सके इसके लिए उद्योग रोजगार और श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी

 कर्मवीर शर्मा कलेक्टर जबलपुर

Post a Comment

0 Comments