भूमि अधिग्रहण में कहीं दिक्कत नहीं होना चाहिये, मुआवजा प्राथमिकता से बांटा जाये - कमिश्नर | Bhumi adhigrahan main khi dikkat nhi hona chahiye

भूमि अधिग्रहण में कहीं दिक्कत नहीं होना चाहिये, मुआवजा प्राथमिकता से बांटा जाये - कमिश्नर

कमिश्नर ने एनएच द्वारा बनाई जा रही सड़क निर्माण कार्य की समीक्षा की

भूमि अधिग्रहण में कहीं दिक्कत नहीं होना चाहिये, मुआवजा प्राथमिकता से बांटा जाये - कमिश्नर

उज्जैन (रोशन पंकज) - उज्जैन संभाग कमिश्नर श्री आनन्द कुमार शर्मा ने सोमवार को एनएच द्वारा संभाग के सभी जिलों में बनाई जा रही सड़कों के निर्माण कार्य की समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि सड़कों के निर्माण कार्य में निजी या सरकारी भूमि के अधिग्रहण में कहीं कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिये। विभाग के अधिकारी भूमि अधिग्रहण की सम्पूर्ण जानकारी कलेक्टर को उपलब्ध करायें, ताकि मुआवजा दिलाने में कोई कठिनाई का सामना न करना पड़े। कमिश्नर ने कहा कि जमीन अधिग्रहण का मुआवजा प्राथमिकता से बांटा जाये और मुआवजा वितरण के पश्चात सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाये। कमिश्नर ने निर्देश दिये कि एनएच के अधिकारीगण सम्बन्धित कलेक्टर को अवगत करायें कि वे कौन-सी खसरे की जमीन ले रहे हैं। यदि भूमि पर कोई विवाद है तो एसडीएम आपत्तियों की सुनवाई करेंगे। उन्होंने आगर रोड के पेचवर्क का कार्य तत्काल कराने के निर्देश दिये और कहा कि आगर में स्थित कंडाल ब्रिज में आवश्यक मरम्मत का कार्य भी तत्काल शुरू कर दिया जाये।


बैठक में एनएच के अधिकारियों ने बताया कि एनएच संभाग में 3600 किलो मीटर की सड़कों पर कार्य कर रहा है। रतलाम की सड़क 9 पैकेज में शामिल की गई है। 244 किलो मीटर की सड़क वहां बनाई जा रही है, जिसकी लागत 8 हजार 200 करोड़ रुपये है। 2700 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर जारी हो चुका है। भूमि अधिग्रहण का मुआवजा 660 करोड़ का है, जिसमें से 406 करोड़ रुपये सम्बन्धित भूमिस्वामियों को दिये गये हैं। अधिकारियों ने बताया कि इसके अतिरिक्त 307 किलो मीटर के सड़कों का प्रोजेक्ट भी स्वीकृत कराकर लाया गया है, जिसमें गरोंठ-उज्जैन-झालावाड़ शामिल है। 32 करोड़ के चार ब्रिज अलग से स्वीकृत कराये गये हैं। उज्जैन-देवास रोड पर 13 गांव ऐसे हैं जहां डायवर्शन होना है। साथ ही 914 हेक्टेयर भूमि की भी आवश्यकता पड़ेगी। इसके अलावा खातेगांव में 63 किलो मीटर की सड़क का निर्माण होना है, जिसकी लागत 842 करोड़ रुपये है। उज्जैन-बड़नगर-बदनावर मार्ग का प्रोजेक्ट बनाया गया है, जिसकी लागत 1554 करोड़ है। इसमें भूमि का मुआवजा 400 करोड़ बांटा जाना है। इस वर्ष जो योजना बनाई गई है, उसके अनुसार जल्द से जल्द भूमि का अवार्ड पारित किया जायेगा, ताकि सड़क के प्रोजेक्ट तत्काल शुरू किये जा सकें। अधिकारियों ने बताया कि ब्यावरा-देवास रोड का कार्य समाप्ति की ओर है।

पीआईयू के अधिकारियों ने बताया कि वे चार प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं। सीतामऊ तहसील के 27 गांव में भूमि का अवार्ड पारित होना है, 18 गांव में अवार्ड पारित हो चुका है। एक्प्रेस वे में 141.77 करोड़ की अवार्ड की राशि दी गई है, 58 करोड़ की राशि शेष है, जो जल्द ही दे दी जायेगी। जावरा में 72 किलो मीटर की सड़क का निर्माण होना है। उज्जैन-देवास सड़क के टेण्डर भी लगे हैं। देवास के तीन गांव बायपास में है, जिनमें अवार्ड पारित होना है। जैसे ही अवार्ड पारित हो जायेगा, सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा। इसके अलावा 11 गांव का प्रकाशन होना है। प्रकाशन के पश्चात तीन दिन में सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा। बताया गया कि उज्जैन-गरोंठ रोड की कनेक्टिविटी दिल्ली तक रहेगी। आगर-मंदसौर सड़क को भी शुरू किया जायेगा।

मंदसौर कलेक्टर श्री मनोज पुष्प ने बताया कि मंदसौर में सरकारी जमीन पर सड़क का निर्माण कार्य होना है, किन्तु कृषक वहां खेती कर रहे हैं। उन्हें अन्यत्र शिफ्ट कर किसी भी योजना में मुआवजा राशि दी जायेगी। शाजापुर कलेक्टर श्री दिनेश जैन ने एनएच के अधिकारियों से कहा कि वे सड़कों पर बैठने वाली गायों के पुनर्वास की व्यवस्था करें, क्योंकि गायों के सड़क पर बैठने से आयेदिन दुर्घटना घटित होती रहती है।

बैठक में उज्जैन कलेक्टर श्री आशीष सिंह, रतलाम कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान, देवास कलेक्टर श्री चंद्रमौली शुक्ला, मंदसौर कलेक्टर श्री मनोज पुष्प, शाजापुर कलेक्टर श्री दिनेश जैन, आगर-मालवा कलेक्टर श्री अवधेश शर्मा सहित एनएच के रिजनल अधिकारी श्री विवेक जायसवाल, डीजीएम श्री रविन्द्र गुप्ता, पीआईयू के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री मनीष असाटी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री रविन्द्र जैन सहित सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद थे।

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